चूरु शेखावाटी खासकर चूरू में पाया जाने वाला फल लेसुआ गुणों की खान है। यह राजस्थान में अचार और सब्जी बनाने के साथ औषधि के रूप में काम में लिया जाता है। राजस्थान में लेसुआ, गुंडा या लसोडा अचार नाम से प्रसिद्ध है।
लेसुआ खाने से डायबिटीज का खतरा कम होता है साथ ही ब्लड शुगर भी कंट्रोल हो सकता है। त्वचा की बीमारी के लिए यह फल वरदान है। यह दाद, खाज, खुजली जैसी त्वचा समस्याओं से काफी हद तक राहत दिला सकता है।
शरीर के लिए अमृत है लेसुए का फल साल में सिर्फ 2 महीने ही नजर आता है और इससे बना आचार सालभर चलता है। छोटा सा दिखने वाला यह फल पोषक तत्वों का भंडार है और बड़ी बीमारियों का आसानी से खात्मा कर सकता है। फल ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते और लकड़ियां भी औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
साल में सिर्फ दो माह के लिए बाजार में नजर आने वाले इस फल के जबरदस्त फायदे है। इसके फलों को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। फलों में नेचुरल पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ और फिट रखने में मददगार साबित होते हैं। लेसुआ पोषक तत्वों से समृद्ध होता है और कुछ लोग इसे गोंदी और निसोरा के नाम से भी जानते हैं।
इसमें प्रोटीन, क्रूड फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, वसा, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस व कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर है। इसका का नियमित सेवन गठिया से पीड़ित लोगों में जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने के लिए जाना जाता है।
इसके फलों और पत्तियों में एनाल्जेसिक गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकते हैं। हालांकि, ये दवा को रिप्लेस नहीं कर पाता। इसका ज्यादातर आचार और सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जो सालभर चलता है और इसकी तासीर ठंडी होने के कारण काफी फायदेमंद होती है।
औषधी जानकारों के अनुसार, लेसुआ स्वादिष्ट होने के साथ ठंढ़ी तासीर वाला फल है। एक छायादार पेड़ होने के साथ ये किसानों के लिये आमदनी का श्रोत भी है।