Philosophy जीवन के साथ Career को भी नई दिशा प्रदान कर सकता है

पूजा पपनेजा,

दिल्ली।

Philosophy, मानव चिंतन का एक ऐसा विज्ञान है जो तर्क पर आधारित हैं। यह ऐसी वैचारिक क्रियाकलाप है जो व्यक्ति को निर्णय लेने में मदद करती है, व्यक्ति के जीवन को नवीन दिशा प्रदान करती है।

दर्शनशास्त्र के बारे में विद्वानों ने काफी कुछ कहा है। सुकरात के अनुसार, हर व्यक्ति को दर्शन शास्त्र का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया है कि किसी व्यक्ति के अच्छे ना होने का कारण व्यक्ति के अंदर  ज्ञान की कमी है  और दर्शनशास्त्र व्यक्ति को ज्ञान प्रदान करता है ।

दार्शनिक, अरस्तु के मुताबिक दर्शनशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसके द्वारा हम संपूर्ण  ब्रह्मांड को समझ सकते हैं और एक नई सोच को विकसित कर सकते हैं।

कॉल मार्क्स के अनुसार दर्शनशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसके अध्ययन करने से व्यक्ति में  दुनिया बदलने की क्षमता आ सकती है। प्लेटो के अनुसार दर्शनशास्त्र का अध्यन करने से व्यक्ति के अंदर सीखने की क्षमता जागृत होती है।

छात्रों के बीच इस विषय के चयन के प्रति उदासीनता देखी जाती है। आखिर ऐसा क्यों है.?         

दरअसल, दर्शनशास्त्र की लोकप्रियता कम होने के कई कारण हैं, जिनमें सबसे बड़ा कारण हमारे देश का पूँजीवादी में परिवर्तित होना है।  अब  लोग विज्ञान को ज्यादा मानते हैं और दर्शनशास्त्र से दूर  भागते हैं ।  लोग अब तर्क के आधार पर फैसले नहीं करना चाहते, बल्कि विकास के दौर में तेजी से फैसले लेना पसंद करते हैं। लोग मेहनत कम करना चाहते हैं। जबकि हमारे समाज को जागरूक करने के लिए दर्शन शास्त्र का अध्ययन करना बहुत जरूरी है।

Philosophy यानि दर्शनशास्त्र विषय की पढ़ाई करके आप अपना बेहतरीन Career भी बना सकते हैं।

आप दार्शनिक बन सकते हैं। समाज को जागरूक करने संबंधी पुस्तकें लिख सकते हैं और डिजिटल माध्यम से लोगों का ज्ञानवर्धन कर सकते हैं। इस विषय के चयन से आप सिविल सर्विसेज की परीक्षा में उच्च पद प्राप्त करते हैं। कॉलेज में प्रोफेसर बन सकते हैं। इसके अलावा मोटिवेटर भी बन सकते हैं।

वास्तव में Philosophy का चयन जीवन को दर्शन के साथ छात्रों के Career को भी नई दिशा दे सकता है।

दर्शनशास्त्र का अध्ययन करना क्यों जरूरी है।

आज के बदलते समय को देखते हुए दर्शन शास्त्र का अध्यन करना बहुत जरूरी है क्योंकि लोगो को दर्शनशास्त्र की असली उपयोगिता के बारे में जानकारी नहीं है। नई सोच को विकसित करने के लिये, समाज को दर्शनशास्त्र की उपयोगिता बताने के लिये, छात्रों को जागरूक बनाने के लिये, विचारों का आदान-प्रदान करने के लिये, समस्याओं का समाधान करने के लिये, तुरंत निर्णय लेने की सोच को विकसित करने के लिये दर्शनशास्त्र का अध्ययन करना जरूरी है।