बच्चों का ज्ञानवर्धन करते हुए चाईबासा के पाठक मंच ने 21वें वर्ष में प्रवेश किया

चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड।
9 मार्च 2024 को झारखंड स्थित चाईबासा के पाठक मंच ने 21वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। 9 मार्च 2004 से पाठक मंच की शुरुआत की गई थी। उसके बाद 2005 से इन्द्रधनुष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अतीत और वर्तमान परिदृश्य पर बच्चों के साथ समाज के लोगों का ज्ञानवर्धन का प्रयास किया जाता है। इन बीते वर्षों के दौरान इस पाठक मंच से बड़ी संख्या में बच्चे जुड़े। नये-नये ज्ञान के प्रसार के लिये नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2013 में चाईबासा के पाठक मंच को सर्वश्रेष्ठ पाठक मंच के रूप में सम्मानित किया गया।
इसके साथ ही ट्रस्ट की पत्रिका पाठक मंच बुलेटिन में कई बार चाईबासा की रचनाएँ भी प्रकाशित हुई। इसी क्रम में बुलेटिन के नवंबर 2014 अंक में चाईबासा की एक साथ 6 रचनाएं प्रकाशित हुई थी। पाठक मंच के इतिहास से जुड़े सक्रिय बच्चे बच्चियां अब भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।
दरअसल,  1952 में भारत में कंप्यूटर युग की शुरुआत कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान से हुई थी। उन दिनों छपी हुई पुस्तकें ही शिक्षा का आधार था। पुस्तकों के प्रचार-प्रसार एवं पुस्तक पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए 1 अगस्त 1957 को भारत सरकार द्वारा नेशनल बुक ट्रस्ट का उद्घाटन हुआ था। 1993 में राष्ट्रीय बाल साहित्य केन्द्र की स्थापना नेशनल बुक ट्रस्ट के एक अनुभाग के रूप में की गई थी।
इस अनुभाग से स्कूली शिक्षा के दौरान बच्चों में पठन अभिरुचि विकास के लिये केन्द्र द्वारा अनौपचारिक संगठन के रूप में पाठक मंच परियोजना का संचालन पूरे देश में किया जाने लगा। उन दिनों टेलीफोन और अखबार प्रसार का महत्वपूर्ण साधन था। बाद में मोबाइल फोन के आने से प्रसार में तेजी होने लगी। देश में सबसे पहला मोबाइल कॉल 31 जुलाई 1995 को हुआ था और पहला स्मार्टफोन 22 अक्टूबर 2008 को लांच किया गया, जो प्रसार के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ।
गौरतलब है कि मंच द्वारा आयोजित 2019 के वसंत पंचमी महोत्सव के पावन अवसर पर चाईबासा विधानसभा क्षेत्र के विधायक  दीपक बिरुवा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया था जो अब झारखंड सरकार का मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

 

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