मृत्युंजय सरदार
वरिष्ठ पत्रकार।
कोलकाता, 16 फरवरी 2024, 21 वां श्री समीरेश्वर सांस्कृतिक महोत्सव यहां विश्वमाता मंदिर परिसर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में श्रीलंका के अलावा असम, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित देश के विभिन्न राज्यों के शास्त्रीय संगीत और नृत्य कलाकारों ने हिस्सा लिया।
विश्व सेवाश्रम संघ की ओर से हर साल कोलकाता हवाई अड्डे के पास न्यू बैरकपुर में इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। दोपहर कृष्णा मुखेडकर की आवाज से संगीत की शुरुआत हुई। कलाकार ने सबसे पहले मध्यलय झपताल से रागश्री में निबद्ध बंदिश को पकड़ा—‘हरि की चरण कमल निशदिन सुमर रे’।
फिर छोटा ख्याल ‘चरण री माई रामसिया दर्शन को’ राग भटियार में गुरु पंडित नरसिंघलु वदावतीजी द्वारा एकताल पर एक और ख्याल- माता महाकाली की आवाज़ सराहनीय थी।कलाकार ने दादरा में अपनी गुरु मां पद्मविभूषण गिरिजादेवी द्वारा लिखित ‘दीवाना किया श्याम’ गाकर समापन किया।
सबसे पहले तो युवा मुखेड़कर ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके बाद त्रिपुरा से गिरिजादेवी की एक और निपुण और गुणी छात्री शक्ति चक्रवर्ती मंच पर आईं। शक्तिदेवी ने मिश्र खंबाज की ठुमरी से शुरुआत की बाद में दादरा, उन्होंने एक बंगाली भक्ति गीत के साथ समापन किया।
इस अवसर पर काव्य पाठ भी हुआ। एक अभिनेत्री के रूप में मशहूर डोलन रॉय ने सात मिनट लंबी कविता का शीर्षक “साधारण लड़की” को त्रुटिहीन गीतात्मक तरीके से धाराप्रवाह प्रस्तुत किया। इस मौके पर न्यू बैरकपुर के नये ओसी सुमित बैद्य ने भी कविता पाठ किया। उन्होंने स्वरचित कविता सुनाई।
इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले को विश्व सेवाश्रम संघ के संस्थापक श्री समीरेश्वर ब्रह्मचारी महाराज ने ‘लोक कल्याण पुरस्कार’ प्रदान किया। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल चापदार के सामाजिक न्याय समन्वयक सत्यजीत दास की तैलचित्र भी भेंट की।
मुंबई की ओडिसी नृत्यांगना स्वप्नकला दासगुप्ता ने ‘काली’, असम की साक्षी कलाकार उषारानी वैश्य ने ‘राम’ की प्रस्तुति दी। मुंबई की शमिष्ठा चटर्जी ने ओडिशी नृत्य प्रस्तुत किया, श्रीलंका की तरंगा देशनायक नृत्य प्रदर्शन किया। उषारानी और उनकी छात्रा का संयुक्त प्रदर्शन बहुत ही सराहनीय रहा। इस वर्ष सुधा दत्ता नृत्य पुरस्कार उषारानी वैश्य ने जीता।