चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
डॉक्टर प्रतिभा राय का जन्म 21 जनवरी 1943 को ओडिशा के जगतसिंहपुर ज़िले में हुआ। अपनी शिक्षा के अंतर्गत इन्होंने एम.ए. की डिग्री प्राप्त की है। उपन्यास, लघु कथाएँ, बाल कहानियाँ, आत्मकथा, अनुवाद सहित कई खंडों में गीतों की रचनाएँ इन्होंने की हैं। इनका पहला उपन्यास ‘वर्षा बसंत बैशाख’ है। ओडिशा की बोंडा पहाड़ियों के बोंडा जनजाति पर इनके नृशास्त्रीय(मानवशास्त्र) अध्ययन को ‘अधिभूमि’ नाम से प्रकाशित किया गया है। इसे नृशास्त्रीय अध्ययन पर एक श्रेष्ठ कृति माना जाता है।
इनका उपन्यास ‘मगनमति’ 1999 के चक्रवात पर आधारित है। इनके बीस उपन्यास, चौबीस लघुकथा संग्रह, दस यात्रा वृतांत, दो कविता संग्रह और कई निबंध प्रकाशित हुए हैं। इसमें ‘यज्ञनासैनी’, ‘शिलापदम’, ‘महामोह’, ‘उत्तर मार्ग’ और ‘द्रोपदी’ प्रमुख हैं। प्रतिभा राय की प्रमुख रचनाओं का देश की प्रमुख भाषाओं में और अंग्रेज़ी सहित दूसरी विदेशी भाषाओं में भी अनुवादित हुआ है।
इन्हें 1988 में ‘झंकार पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया, जिसके बाद उड़िया उपन्यास ‘शिलापदम’ के लिए इनको 1986 में ‘उड़िया साहित्य अकादमी पुरस्कार’ प्रदान किया गया। इस उपन्यास का हिन्दी रूपान्तर ‘कोणार्क’ में हुआ है। इन्हें ओडिशा साहित्य का सर्वोच्च ‘सारला दास पुरस्कार’ से 1990 में विभूषित किया गया है। ये ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’ जीतने वाली पहली महिला हैं। यह पुरस्कार इन्हें वर्ष 1991 में उपन्यास ‘यज्ञनासैनी’ के लिए दिया गया इसके बाद 2000 में लघुकथा संग्रह ‘उल्लंघन’ के लिए इनको ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में यह ‘पद्मश्री’ से सम्मानित हुई।
22 मई 2013 को इन्हें 47वें ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन के पुस्तकालय भवन के बालयोगी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में इनको यह पुरस्कार प्रदान किया।
प्रतिभा राय के जन्म दिवस पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 814वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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