चिन्मय दत्ता, झारखंड।
बालिका दिवस के अवसर पर झारखंड के समाहरणालय परिसर से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त मनीष कुमार ने कहा कि बाल लिंगानुपात में सुधार तथा बालिकाओं के प्रति लोगों की मानसिकता बदलने के लिये जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।
भारतीय समाज में पुत्र के प्रति वरियता और बेटियों के प्रति भेदभाव की समस्या पर अंकुश लगाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। दहेज के सामाजिक मानक, पितृसत्तामक आदि नकारात्मक सोच को बदलने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जागरूकता रथ जिले के समस्त ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों में भ्रमण करेगा।
यह अभियान बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलने एवं बेटियों को बचाने, बेटियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने में सेतु का कार्य करेगा। बालिकाओं को सरकार की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए इनके प्रावधानों की जानकारी भी ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेगी।
इस अवसर पर समाहरणालय में आयोजित एक कार्यक्रम में बालिकाओं के बीच पठन-पाठन सामग्री का वितरण किया गया तथा उप विकास आयुक्त द्वारा सभी को उज्जवल भविष्य की शुभकामनायें दी गई। उन्होने अपने संबोधन में बालिकाओं से अपील करते हुए कहा कि बाल विवाह रोकथाम को लेकर मुखर आवाज बनें, अपने आसपास किसी के बाल विवाह की जानकारी मिले तो विद्यालय के शिक्षक के माध्यम से नजदीकी थाना को सूचित करें।
मौके पर कन्या भ्रूण हत्या रोकने तथा बालिकाओं एवं महिलाओं के प्रति हिंसा व भेद-भाव को समाप्त करने के लिये सभी को शपथ दिलायी गयी। मौके पर धालभूम के अनुमंडल पदाधिकारी पीयूष सिन्हा, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा, नेहा संजना खलओ उपस्थित रहे।