चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
7 जनवरी 1957 को पैदा हुई भारतीय फिल्म अभिनेत्री रीना रॉय ने 1970 में एक मॉडल के रूप में काम किया और लक्स साबुन जैसे विभिन्न ब्रांड के प्रिंट विज्ञापनों में नजर आई। इसके बाद 1972 की फिल्म ‘जरूरत’ से उन्होंने भारतीय फिल्म में पदार्पण किया लेकिन इन्हें व्यापक पहचान 1973 की रोमांटिक कॉमेडी ‘जैसे को तैसा’ और 1975 की रोमांस एक्शन फिल्म ‘जख्मी’ में अपनी भूमिकाओं के साथ 1976 तक बॉक्स ऑफिस पर साल की दो सबसे बड़ी सफल एक्शन थ्रिलर ‘कालीचरण’ और हॉरर फिल्म ‘नागिन’ में अभिनय से मिली प्रसिद्धि के बाद रीना रॉय निर्देशकों और दर्शकों के बीच लोकप्रिय बन गई। इन सफलताओं के बाद यह बॉलीवुड की उच्च भुगतान वाली अभिनेत्रियों में शामिल हुई।
1977 की फिल्म ‘अपनापन’ के लिए 1979 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार अपने नाम किया और 1979 की ‘जानी दुश्मन’ 1980 की ‘आशा’ 1981 की मल्टी जॉनर फिल्म ‘नसीब’ 1982 की ‘सनम तेरी कसम’ 1983 की ‘अर्पण’ और 1984 की ‘आशा ज्योति’ जैसी उल्लेखनीय फिल्मों में अभिनय किया। इन्होंने 1992 की ‘आदमी खिलौना है’ में भाभी की भूमिका निभाई।
1998 में इन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से विभूषित किया गया फिर इन्होंने विशेष रूप से रोमांस एक्शन फिल्मों में 1999 की ‘गैर’ और 2000 की रोमांटिक ड्रामा ‘रिफ्यूजी’ में सहायक भूमिकाओं में अभिनय किया। रीना रॉय अपनी बहन बरखा रॉय के साथ 2004 से एक्टिंग स्कूल चला रही है। इसके अलावा इन्हें सिने ब्लिट्ज़, फिल्मफेयर, माधुरी, रंगभूमि जैसे विभिन्न पत्रिकाओं के कवर में चित्रित किया गया है।
रीना रॉय के जन्म दिवस पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 812वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई। व्यक्तित्व कॉलम में आपको इस बार किस व्यक्तित्व के बारे में जानना है, अपने विचार अवश्य व्यक्त करें हमारे द्वारा उस व्यक्तित्व के बारे में जानकारी देने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा। धन्यवाद।