भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री रही सुचेता कृपलानी

     चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड।

     सुचेता मजूमदार का जन्म 25 जून 1908 को हरियाणा के अम्बाला शहर में चिकित्सा अधिकारी सुरेन्द्र नाथ मजूमदार के ब्राम्हण परिवार में हुआ। जब इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री हासिल की, तभी स्वतंत्रता संग्राम में कूदना चाहती थी परंतु पिता और बहन की प्राणांत हो जाने के कारण परिवार की जिम्मेदारी इन पर आ गई और ये बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संवैधानिक इतिहास की व्याख्याता बन गई।
1936 में इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्य नेता आचार्य जीवटराम भगवानदास कृपलानी से विवाह किया और पूरी तरह से राजनीति में कूद पड़ी। इसके बाद इन्होंने 1940 में राष्ट्रीय कांग्रेस की महिला शाखा – ‘अखिल भारतीय महिला कांग्रेस’ की स्थापना की। 1946 में ये संविधान सभा की सदस्य चुनी गई। ये उन चंद महिलाओं में शामिल हैं जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ रहकर देश की आजादी की नींव रखी साथ ही 14 अगस्त 1947 को इन्होंने वंदे मातरम गीत भी गाया।
स्वतंत्रता के बाद ये 1958 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव रहने के बाद 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश की चौथी मुख्यमंत्री रहीं। यहां यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि सुचेता कृपलानी भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं।
1 दिसम्बर 1974 को इनका प्राणांत हो गया। स्वतंत्रता आंदोलन में इनके योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
सुचेता कृपलानी की जयंती पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 784वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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