मीमांसा डेस्क, नई दिल्ली।
एकनाथ शिंदे की नेतृत्व वाली शिवसेना ने राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं और कार्य योजनाओं का अनावरण किया और पार्टी की दिल्ली इकाई के गठन की घोषणा की। 30 अप्रैल 2023 को की गयी इस घोषणा उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में अपनी पहुंच का विस्तार करना है। यहां पार्टी की एक बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के कई वरिष्ठ और दिग्गज नेता पार्टी में शामिल हुए। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री आनंदराव अडसुल ने उन्हें सम्मानित किया और पार्टी में उनका स्वागत किया। अडसुल ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपनी पहुंच को मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर उनके अनुभव का लाभ उठाएगी। दिल्ली इकाई की शुरूआत के साथ, राष्ट्रीय राजधानी शिवसेना इकाई रखने वाला 20वां राज्य बन गया है।
शिवसेना ने दिल्ली में बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान के साथ-साथ ‘सुशासन-महाराष्ट्र मॉडल’ और ‘अपना अभिमान धनुष-बाण’ अभियान भी लॉन्च किया। मानवता और हिंदुत्व को प्राथमिकता देने के लिए इसी महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आनंदराव अडसुल सहित वरिष्ठ राष्ट्रीय नेताओं के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर के निर्माण में योगदान दिया।
इस अवसर पर संवाददाताओं से बात करते हुए आनंदराव अडसुल ने कहा कि “हम आज हमारे साथ शामिल होने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं का स्वागत और सम्मान करते हैं। हम धर्म, जाति और पंथ पर विचार किए बिना सभी की देखभाल करने के संबंध में बाला साहेब बाल ठाकरे की विरासत और समावेश की नई दृष्टि को आगे बढ़ाने के लिए उनके जमीनी अनुभव का लाभ उठाएंगे। हमें याद रखना चाहिए कि 1984 के दुर्भाग्यपूर्ण दंगों के दौरान बाबा साहब ने ही मुंबई और महाराष्ट्र में सिखों को बचाया था। दिल्ली में भी पार्टी केवल सिखों और मुसलमानों का ही नहीं बल्कि सभी का ख्याल रखेगी। राज्य और राष्ट्र की सेवा करने के लिए पार्टी में सभी का स्वागत है। इन वरिष्ठ नेताओं के समर्थन से, हम दिल्ली की योजनाओं और कार्यों को तैयार करेंगे। अडसुल अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री भी थे। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख श्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में पार्टी जल्द ही दिल्ली इकाई के पदाधिकारियों की घोषणा करेगी।
पुराने सहयोगी भाजपा के साथ गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर, अनुभवी शिवसेना नेता ने कहा, “शिवसेना अपने पुराने सहयोगी भाजपा के साथ भी गठबंधन के संबंध में बाला साहेब बाल ठाकरे के दृष्टिकोण का सम्मान करेगी और आगे बढ़ाएगी। सांसद रत्न पुरस्कार से तीन बार के विजेता अडसुल ने कहा कि शिवसेना ने महाराष्ट्र में नौ महीने के शासन में अपने सुशासन को साबित कर दिया है और राज्य के लोग समग्र विकास देख रहे हैं।
मौके पर शिवसेना के वरिष्ठ पदाधिकारी अंशुमन जोशी ने कहा कि पार्टी दिल्ली में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। दिल्ली की समस्याओं को धरती का लाल ही समझ सकता है। लोगों के बिजली-पानी के बढ़े हुए बिल आ रहे हैं, इसलिए मुफ्त पानी-बिजली का वादा पूरा नहीं किया। शिवसेना हर इलाके में अच्छी तरह से सुसज्जित अस्पताल और स्कूल बनाएगी। दिल्ली की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली को भी महाराष्ट्र के विकास के मॉडल की जरूरत है और मजबूत विकास हासिल करने के लिए पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में शासन के उसी मॉडल को पेश करेगी।
शिवसेना दिल्ली और राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के लिए आक्रामक मूड में है। इसकी पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में, यह निर्णय लिया गया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के “प्रमुख नेता” बने रहेंगे। आनंदराव अडसुल ने पिछले साल जुलाई में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से इस्तीफा दे दिया था। शिवसेना के प्रमुख नेता द्वारा एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन ने आनंदराव अडसुल को पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त करने का समर्थन किया था।