उषा पाठक
वरिष्ठ पत्रकार।
नयी दिल्ली,28 अप्रैल 2023(एजेंसी)।
एक ओर जहां दुनिया में सेवा भाव धीरे-धीरे खत्म होता दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर कई ऐसे लोग भी है, जिन्होंने अपना सारा जीवन इसी भाव में लगा दिया है। जरूरतमंदों के लिये निस्वार्थ भाव से काम करने वालों में एक नाम कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ग्रोवर(डॉ.आर.के.ग्रोवर) का शामिल है, जिन्होंने दिल्ली सरकार के अधीन संचालित”दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीच्यूट”में निर्धन एवं असहाय रोगियों के लिये इलाज सुलभ कर कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
दरअसल, दिल्ली में 15 वर्षो तक मुख्यमंत्री रहीं स्व.शीला दीक्षित ने कैंसर रोगियों को सुलभ इलाज के लिए इस अस्पताल की स्थापना की थी और इसका संस्थापक निदेशक सह सीएमडी डॉ.ग्रोवर को बनाया गया था। उन्होंने डेढ़ दशक तक इस पद पर रहकर यह मुकाम हासिल किया। यह संस्थान आज कैंसर रोगियों के लिए वरदान बन गया है।
जानकार कहते हैं कि डॉ.ग्रोवर ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने निजी जीवन को छोड़कर अस्पताल को ही आशियाना बना लिया। इस दौरान वह अस्पताल में संसाधन जुटाने से लेकर रोगियों के इलाज में लगे रहते थे। उनकी मेहनत और लगन से यह अस्पताल देश में सुर्खियों में आ गया।
डॉ.ग्रोवर का जन्म पहली जनवरी 1955 को स्व.केदार नाथ ग्रोवर के पुत्र के रूप में हुआ। वह बचपन से ही मेधावी छात्र थे। वर्ष 1971 में उन्होंने उच्चतर माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद वर्ष 1976 में बीएचयू से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। उसके बाद पीजीआई चंड़ीगढ़ से रेडियोथेरेपी में एमडी की डिग्री हासिल की और कैंसर रोगियों की सेवा में जुट गए।
डॉ.ग्रोवर कहते हैं,कि कैंसर दुनियां के लिए एक खतरनाक बीमारी बना हुआ है। इस रोग का मुख्य कारण जलवायु में निरंतर हो रहा परिवर्तन,अनियमित जीवन शैली एवं अनियंत्रित खान पान है। विश्व स्तर पर यह दर 15-16 प्रतिशत है। भारत में भी लाखों लोग किसी न किसी रूप में इस रोग के शिकार हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यहाँ तंबाकू जनित चीजें है।
डॉ.ग्रोवर ने कहा कि महिलाओं में यह रोग अधिकांशतः स्तन कैंसर के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। प्रथम एवं द्वितीय स्टेज पर अगर इस रोग की जानकारी मिल जाती है तो ठीक होने की संभावना अधिक होती है। तीसरे एवं चौथे स्तर पर खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि एक उम्र के बाद लोगों को अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच करानी चाहिए। एल.एस।