बी.के.झा, नई दिल्ली।
लोगों में आपसी जुड़ाव मजबूत करने एवं उत्तरी-पूर्वी और अन्य राज्यों के युवाओं के बीच आपसी समझ को बढ़ाने के लिये भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत युवा संगम की शुरूआत की है। इसे विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, जैसे संस्कृति, पर्यटन, रेलवे, सूचना और प्रसारण, युवा कार्य एवं खेल, गृह, उत्तरी-पूर्वी विकास विभाग एवं आईआरसीटीसी के सहयोग से आगे बढ़ाया जायेगा। युवा संगम के पायलट प्रोजेक्ट में लगभग 1000 युवा भाग लेंगे।
इसके तहत उत्तर-पूर्वी राज्यों के छात्रों और दूसरे युवाओं को अन्य राज्यों का और दूसरे राज्यों के छात्रों को उत्तर-पूर्व राज्यों का भ्रमण करने पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा। इससे पर्यटन, परंपरा, प्रगति एवं आपसी संपर्क की जानकारी के साथ बढ़ावा मिलेगा।
6 फरवरी 2023 को “युवा संगम” पंजीकरण पोर्टल का नई दिल्ली के आईजीएनसीए में शुभारंभ किया गया। युवा संगम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना के अनुरूप पूर्वोत्तर क्षेत्र और शेष भारत के युवाओं के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की एक विशेष पहल है। इसके तहत 20000 से अधिक युवा पूरे भारत में यात्राएं करेंगे और एक-दूसरे के प्रदेश में सांस्कृतिक शिक्षा ग्रहण करने का एक अनूठा अवसर प्राप्त करेंगे। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित अन्य सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस पोर्टल को लॉन्च किया गया।
इस अवसर पर उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि युवा संगम कार्यक्रम पूर्वोत्तर के युवाओं को पूरे देश से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं के लिए संपूर्ण भारत को देखने का महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त होगा।
रेड्डी ने कहा कि युवा संगम कार्यक्रम भारत को देखने, जानने, समझने और देश के लिए कुछ करने का मौका देगा। यह व्यापक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम देश के युवाओं को भारत की प्राचीन संस्कृति और प्राकृतिक विविधता का विस्तार देखने का अवसर भी देगा। उन्होंने कहा कि 1000 छात्रों में 300 छात्र पूर्वोत्तर क्षेत्र से होंगे। युवा संगम कार्यक्रम हमारी समृद्ध संस्कृति, हमारे गौरवशाली इतिहास और प्राचीन विरासत के दर्शन का प्रतीक है।