कुपोषण दूर करने के लिये मिड डे मील में शामिल हुआ मिलेट्स

मीमांसा डेस्क।

छत्तीसगढ़ में मिलेट्स को मिड डे मील में भी शामिल किया गया है जिससे कुपोषण को पूरी तरह समाप्त किया जा सके । स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बने व्यंजन दिये जा रहे हैं जिनमें मिलेट्स से बनी कुकीज,लड्डू और सोया चिक्की शामिल हैं ।

छत्तीसगढ़ देश में पहला ऐसा राज्य है जो समर्थन मूल्य पर मिलेट्स की खरीदी कर रहा है। राज्य के 14 जिलों में संचालित इस मिशन के अंतर्गत कोदो-कुटकी-रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ के अंतर्गत महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से संग्रहण की व्यवस्था भी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन फसलों को शामिल करके किसानों को इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। उत्पादकता में बढ़ोतरी के लिए किसानों को विशेषज्ञों से परमार्श भी दिलाया जा रहा है।

इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च, हैदराबाद (आईआईएमआर) और 14 जिला कलेक्टरों के बीच एमओयू किया गया है। आआईएमआर ने कोदो, कुटकी, रागी के अच्छी क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ सीड बैंक की स्थापना में मदद करने की भी जिम्मेदारी ली है। साथ ही वह किसानों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने 2023 को मिलेट वर्ष घोषित किया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने भी मिलेट्स वर्ष 2023 में नई पहल की है। चूंकि छत्तीसगढ़ में मिलेट का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। वहीं, राज्य सरकार ने कोदो कुटकी का समर्थन मूल्य 3000 रुपये क्विंटल घोषित किया है। इसके साथ ही देश का पहला मिलेट बैंक की शुरूआत छत्तीसगढ़ में की गई है। जहां 22 प्रकार के मिलेट का उत्पादन होता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर मंत्रालय में जल्द मिलेट कैफे भी खोला जाएगा।

 

 

 

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