अच्छे स्वास्थ्य के लिये जरूरी हैं मिलेट्स

बी.के.झा, दिल्ली।

दुनियाभर में पोषक अनाज को बढ़ावा देने के उद्येश्य से भारत की अगुआई में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अन्तर्राष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष 2023 में मनाया जायेगा। इसकी जानकारी हाल ही में 13 दिसम्बर को एग्रीकल्चर लीडरशिप एंड ग्लोबल न्यूट्रिशन कान्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर ने दी।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें स्वास्थ्य एवं पोषण सुरक्षा के महत्व का अहसास कराया है। हमारे खाने में पोषक तत्वों का शामिल होना काफी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा, संस्कृति, चलन, स्वाभाविक उत्पाद व प्रकृति द्वारा जो कुछ भी हमें दिया गया है, वह निश्चित रूप से किसी भी मनुष्य को स्वस्थ रखने में परिपूर्ण है, लेकिन कई बार समय निकलता जाता है और आधुनिकता के नाम पर, व्यस्तता के कारण अनेक बार हम अच्छी चीजों को धीरे-धीरे भूलते जाते है तथा प्रगति के नाम पर बहुत-सारी दूसरी चीजों को अपने जीवन में अपनाते जाते है।

उन्होंने कहा कि प्रगति तो आवश्यक है लेकिन प्रकृति के साथ अगर प्रगति का सामंजस्य रहें तो यह हम सबके लिए, मानव जीवन व देश के लिए ज्यादा अच्छा है। आज हम बहुत-सारी चीजों को ढूंढते हैं व महंगे दामों पर भी खऱीदते हैं, उनमें कई ऐसी हैं, जिनके बीज कोई संजोकर नहीं रखता या जिन्हें किसान बोते भी नहीं है लेकिन आज भी प्राकृतिक रूप से, मौसम के अनुसार वे पैदा होती है, जिन लोगों को उनकी गुणवत्ता मालूम हो गई, वे उन्हें उपयोग करते है। ईश्वर ने भी संतुलन का ध्यान रखा है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि गेहूं व चावल के साथ मोटे अनाज का भी भोजन की थाली में पुनः सम्मानजनक स्थान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मिलेट्स यानि बाजरा हमारे देश में कोई नहीं चीज नहीं है। पहले स्वाभाविक रूप से साधन-सुविधाएं कम थे लेकिन हमारे कृषि क्षेत्र, गांव व समाज का ताना-बाना ऐसा था कि छोटे किसान भी अपनी आवश्यकतानुरूप खेती करते थे और जो खाद्यान्न बचता था, उसे बाजार में ले जाते थे।

धीरे-धीरे खेती करते समय ज्यादा मुनाफे की प्रतिस्पर्धा हुई, जिससे जिंसों की उगाही बदल गई और गेहूं व धान पर अवलंबन ज्यादा हो गया। हमारे किसान देश को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम है, वहीं हम दुनिया को भी आपूर्ति कर रहे हैं, लेकिन धीरे-धीरे मिलेट्स का स्थान थाली में कम होता गया, प्रतिष्ठा की प्रतिस्पर्धा में मिलेट्स थाली से गायब होता चला गया परंतु आज पोषकता की आवश्यकता है।  विद्वान चिंतन कर रहे हैं और कहा जा रहा है कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए मिलेट्स जरूरी है।

 

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