चिन्मय दत्ता।
टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय भाविना पटेल एक ऐसी पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं जिन्होंने पोलियो संक्रमित होने के बावजूद कई अंतर्राष्ट्रीय कीर्तिमान अपने नाम की हैं।
6 नवम्बर 1986 को गुजरात स्थित मेहसाना के सुंधिया गांव में भाविना हसमुखभाई पटेल का जन्म हुआ और 12 महीने की उम्र में पोलियो से संक्रमित हो गई। व्हील चेयर पर भाविना ने सुंधिया गांव के नियमित स्कूल में पढ़ने की बाद वर्ष 2004 में अहमदाबाद स्थित ब्लाइंड पीपुल्स एसोसिएशन में कंप्यूटर कोर्स किया एवं उसके उपरांत पत्राचार के माध्यम से स्नातक की पढ़ाई की जहां फिट रहने के उद्देश्य से भारतीय खेल के इतिहास की ओर इनकी यात्रा शुरू हुई।
2007 में बेंगलुरु में पैरा टेबल टेनिस नेशनल में राष्ट्रीय खिताब अपने नाम करने के बाद भाविना ने 2013 में एशियाई क्षेत्रीय चैंपियनशिप में भारत का पहला ऐतिहासिक रजत पदक अपने नाम किया। वहीं 2019 में थाईलैंड में पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में एकल में स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद 27 अगस्त 2021 को टोक्यो मेट्रोपॉलिटन एरिना टेबल टेनिस फाइनल के लिए क्वालिफाइड कर जीत हासिल की।
इसके बाद फिर पैरालिंपिक के फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी बन कर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया। इन्होंने जॉर्डन, ताइवान, चीन, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इंडोनेशिया, स्लोवेनिया, थाईलैंड, स्पेन में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेले हैं। इनके पति निकुल पटेल बिजनेसमैन होने के अतिरिक्त राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेटर भी हैं जो खेल को लेकर भाविना को बहुत सपोर्ट करते हैं।
भाविना पटेल के जन्म दिवस पर पाठक मंच के इन्द्रधनुष कार्यक्रम के 750वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।