उपकार ने किया मनोज कुमार को नेशनल अवार्ड से विभूषित

चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी का जन्म 24 जुलाई 1937 को एबटावाद में ब्राह्मण परिवार हुआ था जो पाकिस्तान में है। 1947 में विभाजन के समय इनका परिवार दिल्ली आ गया। हरिकृष्ण गोस्वामी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक के बाद फिल्म उद्योग में प्रवेश लिया जहां इन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रखा। उन्होंने ऐसा इसलिये किया क्योंकि ये दिलीप कुमार और अशोक कुमार से प्रेरित थे।

देशभक्त अभिनेता के रूप में चर्चित इस अभिनेता ने 1957 की फिल्म ‘फैशन’ से अभिनय में पदार्पण किया। इनकी 1962 में निर्माता-निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म ‘हरियाली और रास्ता’ के बाद 1964 में ‘वो कौन थी’ प्रदर्शित हुई।
1965 में आई ‘शहीद’ स्वतंत्र भारत की पहली सर्वश्रेष्ठ देशभक्ति फिल्म थी जिसमें इन्होंने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की भूमिका को साकार किया था। 1965 में ही इनकी दो सुपरहिट फिल्में आई ‘गुमनाम’ और ‘हिमालय की गोद में’।

इनकी सफलता से प्रेरित होकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इन्हें लोकप्रिय नारा ‘जय जवान जय किसान’ पर फिल्म बनाने का निर्देश दिया। जिसके बाद 1967 में फिल्म उपकार प्रदर्शित हुई, जिसमें मनोज कुमार ने भारत कुमार की भूमिका की थी।  ये इसी नाम से मशहूर हो गए। ‘उपकार’ के लिए इन्हें नेशनल अवार्ड से विभूषित किया गया।

इनके निर्माता-निर्देशन में 1970 की सुपरहिट फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ में ऐसे लोगों की कहानी दिखाई गई जो दौलत की लालच में अपने देश की मिट्टी को छोड़कर पश्चिम में पलायन कर गए। 1972 में इनकी एक और महत्वपूर्ण फिल्म ‘शोर’ आई। 1974 में फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के जरिए समाज की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट की।

1981 में सुपरहिट फिल्म ‘क्रांति’ का निर्देशन किया। भारत सरकार से वर्ष 1992 में पद्मश्री एवं 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ इनके नाम कई फिल्म फेयर अवार्ड शामिल हैं।
24 जुलाई को मनोज कुमार के जन्म दिवस पर पाठक मंच के इन्द्रधनुष कार्यक्रम की 735वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।

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