देश में सभी को घर मिले इसके लिये बैंकरों और बिल्डरों को मिलकर काम करने की जरूरतः कौशल किशोर

मीमांसा डेस्क, नई दिल्ली।

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री, कौशल किशोर ने कहा कि बैंकरों, बिल्डरों और वित्त से जुड़े सभी हितधारकों को देश के प्रत्येक नागरिक को घर उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा करने में सहयोग करने और मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हितधारकों को राष्ट्र निर्माण में भाग लेना चाहिए और इसे एक आंदोलन के रूप में लेना चाहिए। 13 जुलाई को उद्योग समूह एसोचेम द्वारा  ‘भारत में हाउसिंग फाइनांस – मुद्दे और समाधान’ विषय पर आयोजित  राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कौशल किशोर ने यह बात कही।

लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए सम्मान की बात होगी कि देश के हर गरीब के पास अपना घर, रोटी, कपड़ा जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। हालांकि, उन्होंने कहा, हमें इसे सक्षम करने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना होगा।

राज्य मंत्री ने बैंकरों से कहा कि लोगों को आसान कागजी कार्रवाई के माध्यम से आवास ऋण प्राप्त करने में मदद करने के लिए कदम उठाए जाएं। “एक अनुमान के अनुसार, देश भर में लगभग 136,000 बैंक शाखाएँ हैं। यदि आवेदक इन बैंकों से आवास ऋण आसानी से प्राप्त कर लेते हैं तो सभी को आवास उपलब्ध कराने का काम भी आसान हो जाएगा।

एसोचेम द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में, नेशनल काउंसिल ऑन रियल एस्टेट, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट ऑफ एसोचैम के अध्यक्ष एवं सिग्नेचर ग्लोबल इंडिया लिमिटेड के चेयरमेन प्रदीप अग्रवाल, आधार हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ डी एस त्रिपाठी, पंजाब एंड सिंध बैंक के कार्यकारी निदेशक कोल्लेगल वी राघवेंद्र, नेशनल हाउसिंग बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ, दक्षिता दास, विक्ट्रीवन ग्रुप के प्रबंध निदेशक, सुधीर अग्रवाल एवं रिसर्जेंट इंडिया लिमिटेड के निदेशक आशीष अग्रवाल उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में निम्नलिखित बिंदुओं को रेखांकित किया…….

  • किफायती आवास परियोजनाएं आज रियल एस्टेट क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गई हैं। सरकारी योजनाओं और पहलों से उन्हें और मजबूती मिलती है।
  • अगर हमें भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है तो हाउसिंग इंडस्ट्री को इसमें अहम भूमिका निभानी होगी।
  • “भारत एक स्थिर और विस्तारित अर्थव्यवस्था है और पिछले वर्षों में हाउसिंग फाइनेंस उद्योग में जबरदस्त बदलाव हुए हैं जहां आवास क्षेत्र लगातार फलता-फूलता रहा।
  • बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने की आवश्यकता के साथ-साथ पूरे भारत में आवास प्रक्रिया को समान रूप से स्वचालित और डिजिटाइज़ करने की आवश्यकता है।
  • ”पिछले 5 सालों में रियल एस्टेट सेक्टर में 16% की ग्रोथ हुई है.

 

 

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