नई दिल्ली, 03 जून, 2022
आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि देश में कश्मीरी पंडितों का पलायन दो बार हुआ है। पहला 1990 में जब केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार थी, दूसरा अब जब केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार है। कश्मीर में पहली बार कश्मीरी पंडितों के पलायन के वक्त 1990 में भाजपा के नेता जगमोहन कश्मीर के राज्यपाल थे। जिनको बाद में मोदी सरकार ने पदम श्री से सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की नृशंस हत्या की जा रही है। भाजपा की केंद्र सरकार उनको सुरक्षा देने में नाकाम रही है। कश्मीरी पंडितों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। वह अपने ही देश में विदेशी और बेगाने हो गए हैं। कश्मीरी पंडित अपने छोटे-छोटे बच्चों, बूढ़े मां-बाप, पत्नी के साथ कश्मीर छोड़कर पलायन कर रहे हैं।
भाजपा के नेता वादे करते थे कि कश्मीरी पंडितों को ले जाकर बसाया जाएगा। इनको बसाना तो दूर की बात है जो वहां पर बचे थे, उनको भी भाजपा के राज में पलायन करना पड़ रहा है। कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा और चिंता करने के बजाए, भाजपा की सारी चिंता विपक्ष के नेताओं को कैसे फंसाया जाएगा, इसमें लगी हुई है। कश्मीर फाइल्स फिल्म बनाकर पूरे देश में उनके दर्द को बेचने और राजनीति करने का काम किया गया है।
पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए संजय सिंह ने कहा कि कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से आज दर्दनाक बातें सुनने को मिल रही हैं, जिससे पूरा देश दुखी, पीड़ित है। कश्मीरी पंडितों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। अपने ही देश में कश्मीरी पंडित विदेशी और बेगाने हो गए हैं।
कश्मीर के एक हिस्से में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की नृशंस हत्या की जा रही है। सरकार उनको सुरक्षा देने में सक्षम नहीं है।