लगन ने बनाया गृहिणी से सफल व्यवसायी

सुकांति साहू. पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर।

10वीं पास सुखमती सोय पहले केवल गृहिणी के रूप में जानी जाती थी मगर आज वह अपनी मेहनत और लगन से सफल महिला कृषक और व्यवसायी के रूप में पहचानी जाती है। जमशेदपुर सदर प्रखंड अंतर्गत मध्य हलुदबनी पंचायत के हलुदबनी गांव की रहने वाली महिला कृषक सुखमती सोय ने अपनी सफलता से अपने परिवार की दशा तो बदल ही है, साथ ही अनेक महिलाओं के लिए तरक्की का एक नया मार्ग भी खोला है ।

सुखमती सोय गैर सरकारी संस्था के सहयोग से गठित ईसिता उर्जा महिला समूह की सक्रिय सदस्य हैं। समूह में कुल 12 महिलाएं जो बैंक से लोन एवं CSR के मदद से मुर्गी पालन एवं सब्जीयों की खेती करती हैं।

जिला उद्यान पदाधिकारी मिथिलेश कालिंदी बताते हैं कि इस महिला समूह की सक्रियता एवं उत्साह को देखते हुए उद्यान विकास योजनांर्गत मशरूम उत्पादन की योजना के तहत ईसिता उर्जा महिला समूह की महिलाओं को पांच दिवसीय प्रशिक्षण उद्यान प्रभाग की ओर से दिया गया साथ ही आर्थिक पूंजी के रूप में मशरूम उत्पादन के लिये प्रति कृषक 30 बैग तैयार कर उनके गांव में उपलब्ध कराया गया। प्रशिक्षण देने में टी.आर.सी.एस.सी संस्था का सहयोग मिला।

मशरूम की अच्छी डिमांड ने बढ़ाया हौसला

सुखमति सोय उत्पादित मशरूम को परसुडीह बजार, टाटा कामिंस, टाटा पावर के कैंटीन एवं कर्मचारियों को विक्रय करती है। सुखमती बताती हैं कि उत्पाद विक्रय कर लगभग 50-60 हजार रूपये व्यक्तिगत रूप से आमदनी दो से तीन माह में प्राप्त हुई है, इस प्रकार समूह की महिलाओं को लगभग 3-4 लाख रूपये आमदनी हुई है। श्रीमति सोय CSR के सहयोग से एक दुकान भी चलाती है वहां से भी मशरूम का विक्रय करती हैं।

तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात् उद्यान प्रभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये मशरूम कीट से उत्पादित मशरूम के विक्रय से प्राप्त राशि को सुखमती ने कियाशील पूंजी के रूप में उपयोग कर पुनः मशरूम उत्पादन के लिए स्वयं एवं समूह की महिलाओं के साथ मिलकर बैग तैयार कर मशरूम उत्पादन कर रही हैं। समूह की महिला उत्पादित मशरूम से आचार एवं अन्य मशरूम अधारित उत्पाद तैयार करने के लिए अग्रसर हैं।

सोय मशरूम उत्पादन एवं उद्यान प्रभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी अन्य महिलाओं को भी जागरूक कर रही हैं। 150-200 रूपये प्रति किलों की दर से ओयस्टर मशरूम विकय कर रही है। उत्पाद सहज रूप से विक्रय हो जाने से संस्था की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। समूह की अन्य महिला भी इस योजना का लाभ लेकर आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रही है।

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