सुकांति साहू, रांची।
मलेशिया में फंसे झारखण्ड के 30 कामगारों में से 10 की सुरक्षित वतन वापसी हो गई है। मलेशिया में काम करने गए गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के 30 कामगार वहां फंस गए थे। शेष 20 कामगारों की वापसी हेतु राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष एवं हाई कमीशन ऑफ़ इंडिया, मलेशिया कामगार जिस कंपनी में काम कर रहे थे, उसके प्रबंधन से लगातार संपर्क में है। पिछले दिनों इन श्रमिकों ने राज्य सरकार से अपनी सुरक्षित वापसी के लिये सोशल मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सभी कामगारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
यह सभी कामगार 30 जनवरी 2019 से लीड इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में लाइनमैन के रूप में कार्य कर रहे थे। 30 सितम्बर 2021 को सभी का कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म हो गया और अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक उन्होंने कंपनी के कहने पर बिना कॉन्ट्रैक्ट के 4 महीने तक काम किया, जिसका पेमेंट उन्हें नहीं मिला है। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कार्रवाई करते हुए कामगारों से मामले से संबंधित दस्तावेज साझा करने को कहा।
श्रम विभाग द्वारा मेल के माध्यम से हाई कमीशन ऑफ़ इंडिया, मलेशिया को घटना पर संज्ञान लेने को कहा गया। मलेशिया पुलिस ने घटनास्थल (लूनस, मलेशिया) पर जाकर घटना का सत्यापन किया एवं कंपनी से बात कर कामगारों की समस्या को सुलझाने के लिये कहा। इसके बाद कंपनी के मालिक ने कामगारों के बकाया वेतन भुगतान एवं टिकट की व्यवस्था के लिए कुछ समय की मांग की। हाई कमीशन ऑफ़ इंडिया, मलेशिया ने कम्पनी को आदेश दिया है कि जल्द सभी के बकाया वेतन का भुगतान करें और सबको कुआलालंपुर स्थानांतरण करते हुए 15 दिन के अंदर सभी का टिकट एवं उनके भोजन की व्यवस्था करें।
इसके बाद कंपनी ने सात अप्रैल को सभी के खाते में 1 महीने का वेतन दिया है। ये श्रमिक 14 मार्च को ही राज्य वापस आ जाते, लेकिन कोविड जाँच में सभी 10 कामगार पॉजिटिव पाए गए, जिसके कारण उनका भारत आना स्थगित किया गया था।