चिन्मय दत्ता, चाईबासा।
अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए ऊंचे कद को वरीयता दी जाती है लेकिन छोटे कद के बावजूद लंबे-लंबे छक्के मारना बॉल को सही दिशा में भेजने की कला के कारण दर्शकों ने इन्हें लिटिल मास्टर का खिताब दिया जो इनके नाम का पर्यायवाची बन गया। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के इतिहास में विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।
इनके नाम 1994 में अर्जुन पुरस्कार, 1997-98 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 1999 में पद्मश्री, 2001 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, 2008 में पद्म विभूषण, 2014 में भारत रत्न है।
इनका जन्म 24 अप्रैल 1973 को राजापुर के मराठी ब्राह्मण परिवार में में हुआ। इनके पिता रमेश तेंदुलकर ने इनका नाम अपने चेहते संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा। पिता मराठी स्कूल के शिक्षक थे।
बड़े भाई अजीत तेंदुलकर ने इन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था। इन्होंने शारदाश्रम विद्यामंदिर में अपनी शिक्षा ग्रहण की, वहीं क्रिकेट के द्रोणाचार्य रमाकांत अचरेकर के सानिग्ध में अपने क्रिकेट जीवन का आगाज किया।
सचिन ने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच मुंबई के लिए 14 वर्ष की आयु में खेला था। एक खास बात यह रही कि हर बार क्रिकेट मैदान में कदम रखने से पहले सचिन सूर्य देवता को नमन करते थे। 1989 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के पश्चात इन्होंने कई कीर्तिमान स्थापित किए।
1998 में इन्होंने स्टेट लेवल क्रिकेट मैच मुंबई की तरफ से खेल कर अपने कैरियर की पहली सेंचुरी मारी थी। पहले ही मैच के बाद इनका चयन नेशनल टीम के लिए हो गया था। 2011 में क्रिकेट विश्व कप इनकी पहली जीत रही। क्रिकेट के अलावा ये भूत पूर्व राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं।
2012 में इन्हें राज्य सभा सदस्य के रूप में नामित किया गया था। सचिन टेस्ट क्रिकेट में 15000 से अधिक रन बनाने वाले विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में सबसे ज्यादा 30000 रन बनाने का कीर्तिमान इनके नाम है। विश्व कप के दौरान जब इनके पिताजी का निधन हुआ तब सूचना मिलते ही ये घर आए पिता के अंत्येष्टि में शामिल हुए और वापस लौट गए।
इसके बाद सचिन अगले मैच खेलने के लिए मैदान में उतरे और शतक ठोक कर अपने दिवंगत पिता को श्रद्धांजलि दी। इस महान क्रिकेटर पर बायोपिक फिल्म ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ बनी है। क्रिकेट के अलावा ये एक सफल रेस्टोरेंट के स्वामी भी हैं। ये प्रतिवर्ष 200 बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी के लिये अपनालय नामक एक गैर सरकारी संगठन भी चलाते हैं।”
आज सचिन तेंदुलकर के जन्मदिन के अवसर पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 722वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में उपर्युक्त जानकारी दी गई।