अनीता प्रजापति
ये जो पब्लिक है
सब जानती है
रक्षक कौन है
भक्षक कौन है
सबको पहचानती है
पहले देती थी
फिर लेती थी
अब लेती देती सब साथ साथ
जनता को मूर्ख जानती है
ये जो पब्लिक है
ये सब जानती है
अजी बेचा क्या है
अजी बेचा क्यो है
इसका हिसाब मांगती है
ये जो पब्लिक है
ये सब जानती है
सब कुछ अच्छा सच्चा किया
फिर नाम अपना क्यो कच्चा किया
मन मे सवाल उठाती है
ये जो पब्लिक है
ये सब जानती है।।