आपकी सेहत ; जीवनशैली का कैंसर से संबंध ?

 

नवेश कुमार।

 

आधुनिक तकनीक और बेहतर इलाज प्रक्रियाओं के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी का उपचार संभव हो गया है। जिनमें मुख्य रूप से कीमोथेरेपी , रेडिएशन थेरेपी और कई सर्जिकल प्रक्रियाएं शामिल है। भारत के प्रमुख रेडियोलोजी ऑन्कोलॉजिस्ट [कैंसर ] और दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट के निदेशक डॉ किशोर सिंह ने इस बीमारी के जोखिम कारकों , प्रवृत्तियों और उपचार प्रक्रियाओं के बारे में बात की।

  •  कैंसर के लिए चिकित्सा सुविधाएं काफी महंगी हैं। सरकार क्या पहल कर सकती है ?सरकार सभी राज्यो में कैंसर यूनिट खोल रही है ताकि सभी वर्ग के लोगो को उपचार मिल सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के साथ ग्रामीण आबादी तक पहुंचने के स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम और सभी राज्यों में उच्चस्तर का कैंसर यूनिट स्थापित करना है। साथ ही कई सरकारों ने बहुत सारी योजनाएं भी शुरू की हैं , जिन्हें  प्रमुखता के साथ सभी जगहों पर कम लागत में उपचार उपलब्ध कराना होगा।
  • जीवनशैली का कैंसर से क्या संबंध है ?

जीवनशैली का बेहतर बनाना आवश्यक है , जिसमे खानापीना , व्यायाम आदि बहुत महत्वपूर्ण है। कैंसर का सर्वोत्तम उपचार बचाव है। अपने खानपान में पौष्टिक चीजों जैसे कि फल , हरी सब्जियां , ड्राई फ्रूट्स इत्यादि का सेवन बढ़ा दें। इसके अलावा शराब और सिगरेट का सेवन बिल्कुल बंद कर दे। अगर आप शराब और सिगरेट की बुरी लत से पीड़ित हैं तो इस समय कई ऐसी थेरेपी मौजूद हैं जिनकी मदद से आप बुरी लत से छुटकारा पा सकते यदि मनुष्य अपनी जीवन – शैली में कुछ परिवर्तन करने को तैयार हो तो 60 प्रतिशत मामलों में कैंसर होने से पूर्णत; रोका जा सकता है।

  •   कैंसर के चेतावनी के संकेत क्या हैं ?  

वजन का अत्यधिक घटना और आवाज में बदलाव , निगलने में , दिक्कत  मल – मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन , लम्बे समय तक लगातार खांसी आदि जैसे लक्षण नजर आने पर शीघ्र डॉ को दिखाए। साथ ही यदि रोग का निदान व उपचार प्रारम्भिक अवस्थाओं में किया जाए तो इस रोग का पूर्ण उपचार संभव है।

  •   तबांकू युक्त उत्पादों का सेवन करने वालो को आपकी क्या सलाह है ?
    कैंसर जैसी घातक और जानलेवा बीमारी से बचने के लिए तबांकू उत्पादों के सेवन से दूरी बनानी बेहद जरूरी है। ध्रूमपान और तबांकू उत्पाद जैसे पान , गुटका या खैनी आदि के सेवन से कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है। फ़ेफड़ों के कैंसर के 90 प्रतिशत मामले ध्रूमपान की वजह से ही होते हैं। ओरल , एसोफैगल , पेट , कोलोरेक्टल , स्तन कैंसर भी तबांकू के सेवन की वजह से हो सकते हैं।

 

https://youtube.com/@vikalpmimansa

https://www.facebook.com/share/1BrB1YsqqF/