तेरी निगाहों ने मुझ पर ऐसा जादू किया ।
मेरे मन को बेकाबू किया ।
मेरा मन क्यों तुझें बार – बार देखना चाहता है ?
मैं नहीं जानता ।
जब तुझें देखता हूँ तो ऐसा लगता है, जैसे दुनिया थम हो गई हो।
दिल तेजी से धड़कने लगा हो।
लेकिन यह प्रश्न मैं खुद से बार – बार करना चाह रहा हूँ ?
मैं आखिर तुझमें क्या ढूंढना चाह रहा हूँ ?
क्यों ना चाहते हुए भी मैं तेरी निगाहों की ओर खींचा चला जा रहा हूँ ?
उपयुक्त पक्तियां प्रकाश गुप्ता द्वारा लिखी गई है।