मीमांसा डेस्क।
विटामिन डी की कमी होने के कारण शरीर को अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इससे हड्डियों के जोड़ और मांसपेशियां कमजोर होने के साथ कमर और पिंडलियों में बेहद दर्द रहने लगता है।
बिना अधिक काम किये थकान महसूस होना , सुस्ती रहना , बेचैनी होना, बाल झड़ना , अनियमित पीरियड्स [माहवारी ] , हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर अधिक होना, जैसी समस्याओं के साथ
[ऑस्टियोपोरोसिस] हड्डियों का खोखला होना ] और ऑस्टियोमलेशिया [हड्डियों का कमजोर होना] जैसी बीमारियों के कारण हड्डियों में अक्सर फेक्चर होना, जैसी गंभीर बीमारियां भी शरीर पर हावी होने लगती हैं।
शरीर से अधिक मात्रा में पसीना आना, निमोनिया , ब्रोकाइटिस , अधिक ठंड लगना, जैसे लक्षण विटामिन डी की कमजोरी को जाहिर करते हैं।
चिकित्सकों के अनुसार विटामिन डी की कमी होने पर मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
जो मस्तिष्क पर असर डालकर शरीर के अंगो की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है। जिसके कारण शारीरिक अंग धीरे – धीरे काम करना बंद कर देते हैं।
- कैसे करें विटामिन डी की पूर्ति
शरीर के लिये बेहद आवश्यक – तत्व विटामिन डी की पूर्ति के लिये सबसे अच्छा माध्यम सूरज की किरणों से मिलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें है। प्रतिदिन कुछ समय धूप में गुजार कर आप पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी प्राप्त कर सकते हैं ।
उस दौरान आपके शरीर का जितना भाग बिना कपड़ों के रहेगा शरीर को विटामिन डी की पूर्ति उतनी ही अधिक मात्रा में होगी। सूरज की किरणों से मिलने वाले विटामिन डी को हमारा शरीर लीवर में संग्रहित कर लेता है और आवश्यकता के अनुसार उसकी पूर्ति करता रहता है।
हालांकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी , एयर कंडीशनर के माहौल में रहने की आदत के चलते हम धूप में गुजारने के लिए समय नहीं निकाल पाते।
ऐसे में आप दूध , मक्खन , अंडा , मशरूम , मछली , कॉड लिवर ऑयल , संतरा , गाजर, आदि का सेवन करके शरीर में विटामिन डी की पूर्ति कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें की विटामिन डी को पोषक तत्वों के माध्यम से प्राप्त करने के लिये भी शारीरिक श्रम करना बेहद आवश्यक है। इसलिये नियमित तौर पर व्यायाम अवश्य करें।