मीमांसा डेस्क।
डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक एवं बेरियाट्रिक सर्जन , डॉ. आशीष डे के अनुसार मोटापा कई बीमारियों को न्योता देने वाला स्वयं में एक बड़ी बीमारी है। मोटापा उम्र की मासूमियत को कम कर देता है और व्यक्ति समय से पहले बड़ा दिखने लगता है।इसके होने से व्यक्ति को उच्च रक्तचाप , डायबिटिज , सांस फूलना ,एवं ह्र्दय रोग जैसी बीमारी होने का खतरा रहता है।कुछ मामलों में मोटापे को कम करने के लिये संतुलित आहार व व्यायाम के साथ सर्जरी से भी कम किया जा सकता है।बीएमआइ 40 से अधिक होने की स्थिति में सर्जरी से ही मोटापे को कम किया जाता है।
दरअसल मोटापे के शिकार व्यक्ति खुद को मरीज समझते ही नहीं हैं , इसलिए उन्हें सर्जरी के लिए तैयार करना कठिन होता है , किसमें काफी मोटिवेशन की जरूरत होती है । अगर एक बार वो तैयार हो जाए तो उसे सर्जरी से जुडी सारी चीजें समझाई जाती हैं ,जिनमें सर्जरी के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
सर्जरी के बाद कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं , जैसे इंटरनल हर्नियाँ बढ़ने की संभावना होती है , अल्सर या फिर स्ट्रिक्चर की समस्या हो सकती है , जिन्हें दवाई से ठीक किया जाता है , जो कि सर्जरी के बाद की सामान्य प्रक्रिया है। सर्जरी के बाद व्यक्ति के शरीर में विटामिन्स , मिनरल्स एवं प्रोटीन की भी कमी हो जाती है जिसके लिए लगभग व्यक्ति को आजीवन इन्हें दवा के रूप में लेना पड़ता है।
सर्जरी के बाद भी व्यक्ति अगर फिर से पहले की तरह खाने – पीने पर नियंत्रण नहीं रखता है , मीठे और शराब का सेवन करता है तो उसकी स्थिति पहले जैसी होने लगती है , ऐसे में पुन; सर्जरी की स्थिति बन सकती है। इसलिए सर्जरी के बाद मरीज के लिए डॉक्टर की सलाह एवं दिशा – निर्देश जरूरी है।
नोट – यह लेख केवल जानकारी के लिये है अगर आपको किसी तरह की कोई शारीरिक समस्या है तो अधिक जानकारी के लिये अपने डॉक्टर से सलाह ले।
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