मिलना मुश्किल होता है

छल का ऐसा ताना बाना
मिलना मुश्किल होता है।

मुझ जैसा कोई घाघ पुराना ,
मिलना मुश्किल होता है।

जिसको देखा , चाहा मैंने ,
छल से उसको जीत लिया।

जिन होठों पर नफरत देखी ,
उन होठों से गीत लिया।

प्रेम नहीं है छल है मेरा ,
जिससे ये जग चलता है।

मैं भावों का व्यापारी , जो ,
प्रेम से मन को छलता है।

छल को प्रेम कहा इस जग ने ,
प्रेम पुराना छल है।

इक दिन सांसे छल जाएंगी ,
ये ही सबका कल है।