जिनकी मोहब्बत हमारे लिये कभी सहारा थी।
उसी ने हमें जिंदगी के सफर पर आकर तन्हा छोड़ दिया ।
कभी जिस मोहब्बत को हम अपने जीवनभर का सफर समझते थे।
उसी मोहब्बत ने हमें कांटों के सफर पर लाकर तोड़ दिया।
हम जिन्हे दिल से चाहते थे।
उन्होने ने ही हमें बेगाना समझ लिया।
क्या खता ऐसी हुई हम नहीं जानते ?
जो हमें खुद से ही जुदा कर दिया।
ना कहा ना सुना बस हमें एक पल में ही
हमें पराया कर दिया।
उपयुक्त पक्तियां प्रकाश गुप्ता द्वारा लिखी गई है।