कभी क्रांति के गीत लिखती है कविता
कभी देश और समाज के दिशा बोध की
नई रीति होती है कविता
आडंबर और कुरीतियों पर जीत होती है कविता
दर्द और वेदना में संगीत होती है कविता
प्रेमी के लिए दिल के दास्तान सुनाने के लिए
प्यारी सी मीत होती है कविता
पीड़ा और चिंतन से उपजती है कविता
रात – रात भर जाग कर लिखी जाती है कविता
अक्षर – अक्षर शब्द शब्द में पिरोई जाती है कविता
तपते दिवस में ठंडी सी बयार होती है कविता
जीवन को सभ्यता और संस्कार देती है कविता
युगों – युगों का सार्थक वृतांत होती है कविता
एक थके हारे पथिक के लिए क्लांत होती है कविता
व्यथित मन को शांति का एहसास कराती कविता
निराशा में आशा का संचार कराती है कविता
हमें गमों का इजहार कराती है कविता
प्रेमी का प्रेमिका को पुकार है कविता
माँ का अपने बच्चे को गोदी में दुलार है कविता
सैनिकों का देश के प्राण न्यौछावर है कविता
पिता को उसका परिवार है कविता
जीवन में कुछ दिन के आनंद का त्योहार है कविता
खुशियों के लिए आसार है कविता
सच है जीवन में प्यार पाने को स्वीकार है कविता —
– लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
लेखन विधाएँ -कविता , कहानी , लघुकथा , आलेख , समीक्षा