जम्मू के पर्यटन स्थल

मीमांसा डेस्क

जम्मू के पर्वत पर्वतारोहण करने वालों के मध्य काफी लोकप्रिय हैं। जम्मू से आगे कश्मीर घाटी की सुरम्य घाटियों में आंतकवादी गतिविधियों के कारण वह फ़िलहाल पर्यटक संबद्ध तो नहीं है लेकिन देशी – विदेशी पर्यटकों का ताता अब वहां बढ़ता जा रहा है। यह भी याद रखने योग्य बात है कि जम्मू एक जिले , शहर तथा प्रांत का नाम भी है।

  •   रघुनाथ मंदिर

विभिन्न मंदिरो के शहर जम्मू में रघुनाथ मंदिर एक भव्य व आकर्षक मंदिर है। महाराजा गुलाब सिंह ने 1835 में इस मंदिर का निर्माण आंरभ करवाया था और बाद में उनके पुत्र महाराजा रणवीर सिंह ने 1860 में इसे पूरा करवाया था। इस मंदिर की आंतरिक सज्जा में सोने की पत्तियों तथा चदरों का प्रयोग किया गया है। इस मंदिर में देवी – देवताओं की कलात्मक मूर्तियां दर्शनीय हैं।

  • अमर महल म्यूज़ियम ; तवी नदी के किनारे पहाड़ी पर स्थित इस अनूठे महल का निर्माण फ्रेंच महल के नमूने पर किया गया है। अब म्यूज़ियम का रूप धारण कर चुके महल के भीतर शाही परिवार के चित्रों , पहाड़ी चित्रकला तथा पुस्तकालय को देखा जा सकता है जो दर्शनीय है  ।  
  • डोगरा आर्ट गैलरी

नए सचिवालय के पास स्थित डोगरा आर्ट गैलरी को अब पुराने सचिवालय में ले जाया गया है , जहां सग्रहालय के अतिरिक्त जम्मू तथा बसोहली की पहाड़ी कला तथा चित्रकला की चीजें सग्रहीत हैं। इनमें बसोहली शैली के आभूषण देखने लायक हैं।

  •   मुबारक मंडी
    पुराने सचिवालय का असली नाम मुबारक मंडी है , जो पहले राजाओं का महल हुआ करता था। हालांकि इसके कुछेक भाग गिर चुके हैं लेकिन बचे हुए अधिकांश भाग आज भी अपनी कारीगरी के लिए जाने जाते हैं जो कला का एक बेजोड़ नमूना हैं।
  •    बाहू किला

शहर से 4 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर स्थित बाहू किला जम्मू का सबसे पुराना किला है , जो तवी नदी के किनारे स्थित पहाड़ी पर है। राजा बाहुलोचन द्वारा यह किला ३,000 साल पहले बनाया गया था , जो आज भी सही दशा में है। किले के अंदर बने काली मंदिर में मंगलवार तथा रविवार को स्थानीय तीर्थ यात्रियों की भीड़ लगी रहती है।

  • मानसर तथा सुरिनसर झीलें

जम्मू से लगभग 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मानसर झील पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां प्रतिवर्ष अप्रैल के प्रथम सप्ताह में मानसर मेले का आयोजन भी होता है। झील में नौकायन की सुविधा है तथा उसके एक किनारे पुराने महल भी देखे जा सकते हैं , जो अब खंडहर में बदल चुके हैं। जम्मू शहर से इस जगह जाने के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है और रात को ठहरने के लिए पर्यटन विभाग का बंगला तथा हट्स भी उपलब्ध हैं। जम्मू से 42 किलोमीटर पर सुरिनसर झील है , जो मानसर जितनी बड़ी तो नहीं लेकिन खूबसूरत पर्यटन स्थल अवश्य है।
हालांकि सूरिनसर जाने के लिये जम्मू से सीधी बस सेवा तो है ही मानसर झील की ओर से रास्ता भी जाता है ,जहां से यह पास ही में पड़ती है। वैसे यह कथा भी प्रचलित है कि दोनों झीलों का भूमि के भीतर से संबंध है। रहने को पर्यटक बंगला यहां पर भी उपलब्ध है।

  •  वैष्णोंदेवी

भारत का ऐसा कोई भी हिन्दू श्रद्वालु नहीं होगा जो वैष्णो देवी के बारे में न जानता हो व अपने जीवन में एक बार वहां ज़रूर जाना चाहता है। जम्मू आकर वैष्णोदेवी जाने के लिए तीर्थयात्रियों व पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। जम्मू से वैष्णोदेवी की दूरी 42 किलोमीटर है तथा बाकी 14 किलोमीटर की दूरी पैदल खच्चर द्वारा तय करनी पड़ती है।

क्या खरीदें

जम्मू से पर्यटक खाने की चीजे जैसे बादाम , अखरोट चेरी , बासमती चावल , राजमा आदि खरीद सकते हैं। इसके अलावा सिल्क के कपड़े , बेत का सामान तथा कालीन भी खरीदी जा सकती है। खरीददारी के लिए सरकारी एम्पोरियम , खादी ग्रामोद्योग भवन को ही प्राथमिकता दें।

कब जाएं

वैसे तो पर्यटक वर्ष के किसी भी महीने में जम्मू का कार्यक्रम बना सकते हैं , पर बरसात में घूमने – फिरने में होने वाली दिक्कतो के कारण वहां न जाना ही उचित है।