कह दिया है अलविदा गम अब न कोई आयेगा
अब तुम्हारी खुशनुमा यादों का मंजर छायेगा
वक्त यादों की सलीबों पर , लटकता रह गया ,
ख्वाबों की ताबीरों का परचम यहाँ लहरायेगा।
लहलहाती फसलों का देखा नजारा उम्र भर
लेके उम्मीदों की हरियाली चमन अब आयेगा।
अश्कों के दरिया में डूबी है , हजारों ख्वाहिशे
खुशियों का मोती समन्दर अब दुबारा लायेगा।
देखना है दूर से , देखो तमन्ना है खड़ी
बाहें फैलाकर के राही खुद गले लग जायेगा।
गम जदा दुनिया न हो , अब इसलिये ऐ दोस्तों ,
लेके गम आयेगा जो वापिस खुशी ले जाएगा।
चाहता है अब मेरा दिल दुनिया के गम बाँट लूँ
कल फरिश्ता बन के कोई ज़िन्दगी में आयेगा।
उपयुक्त पंक्तियां रजनी सैनी सहर की लिखित पुस्तक परिधि से पहचान तक से ली गई है।