मीमांसा डेस्क।
सिक्किम को भारत के सुन्दर शहरों में से एक माना जाता है और प्रकृति के वरदान से भरी यह जादुई जगह हिमाचल पर्वत क्षेत्र में स्थित है। हमारे देश भारत के ऐसी कई जगहों में यह जगह भी कई महत्वपूर्ण स्थानों के लिए मशहूर हैं। सिक्किम के बारें में यह कहा जाता है कि अपने जीवनकाल में आप यहाँ नहीं गए तो आपने कुछ खोया हैं। आइये इस अज्ञात पहाड़ी वाले भारतीय राज्य के बारे में कुछ जानें।
मौसम ; सिक्किम भारत के उन चुनिन्दा राज्यों में आता है जहाँ हर सालों भर नियमित तौर पर बर्फ़बारी होती है। यहाँ के निवासी तथा आने वाले पर्यटक हमेशा सुहाने मौसम का लुत्फ उठाते हैं। यहाँ का मौसम सुहाना इसलिए भी रहता है क्योंकि यहाँ का तापमान गर्मियों में कभी 28 डिग्री सेल्सियस से ज्यादातर बढ़ता नहीं है और ठण्ड में 0 डिग्री सेल्सियस पर जमता नहीं हैं। मानसून थोड़ा खतरनाक है क्योंकि इस दौरान यहाँ भारी बारिश होती है जिससे भूस्खलन होने का डर रहता है और पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि वह इस समय यहाँ आने से बचें।
सिक्किम में क्या देख सकते है। – यहाँ का प्रमुख स्थल है गंगटोक जहाँ पहुंचकर आप सोम्गो झील , डियर पार्क , नाथुला पास , रूमटेक मठ , इंची मठ , तशी दार्शनिक स्थल और लाल बाजार नाम का स्थानीय बाजार घूम सकते है और अपने ख़ास लोगों के लिए उपहार खरीद कर ले जा सकते हैं। यहाँ के कुछ और मशहूर जगह है ; सिक्किम के महान साधू गुरु पदंसभव की सबसे ऊंची मूर्ती जो नामची में मौजूद है। सुन्दर रोडोडेनड्रोन सैंक्चुअरी जिसमें राज्य के विभिन्न प्रजाति के फूल मौजूद हैं।
कई पवित्र और चमकीले बौद्ध मठ , सुन्दर हरी घाटियाँ और नदियाँ , सिक्किम का मशहूर गर्म सोता , कुछ अनदेखे स्थल जो बस्ती और पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए उपयुक्त हैं , घाटियों की श्रृंखला जो साहसी और जोखिम भरे खेल – कूद के लिए सही है।
सिक्किम का खानपान व त्यौहार।
सिक्किम का खाना और संस्कृति दो चीज़ें है जिसने इस छोटे , सुन्दर जगह को एक महत्वपूर्ण जगह दी हैं।
सिक्किम के लोग ज्यादातर चावल खाते है सिक्किम के कुछ प्रमुख परंपरागत व्यजन हैं जैसे – मोमो , चाऊमीन , वानटोन , फकथू , ग्या थुक या थुकपा – नूडल पर आधारित सूप , फग्शापा और चुर्पी के साथ निग्रो। मदिरा पर आधारित पेय पदार्थ भी सिक्किम के लोगों द्वारा लिए जाते है। यहाँ के स्थानीय बौद्ध सिक्किमी द्वारा मनाये जाने वाले कुछ परंपरागत त्यौहार है जैसे माधे सक्रांति, भीमसेन पूजा , द्रुपका तेशी , लोसर , बुम्चु , सगा दावा और लूसांग। सिक्किम में बसी नेपाली जनता सारे हिन्दू त्यौहार भी मनाती है।
कैसे जा सकते है सिक्किम – सिक्किम एक पहाड़ी इलाका होने के बावजूद अच्छी तरह से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है। निकटतम हवाई अड्ड़ा बागडोगरा है , जो राजधानी गंगटोक से कुछ घंटो की दूरी पर है । बहुत सारी इंडियन एयरलाइंस जैसे डेक्कन,एयरलाइंस जेट एयरलाइंस आदि से सिक्किम जाया जा सकता है। कोलकाता , दिल्ली और गुवाहाटी से हवाई सेवायें ली जा सकती है। सिक्किम पर्यटन विभाग बागडोरा से गंगटोक तक पांच सीटों वाले हेलीकाप्टर भी संचालित करता है , जिससे कि वहां तेज़ी से पंहुचा जा सकें। दो रेलवे स्टेशन हैं जो राज्य को शेष देश से जोड़ते हैं , एक सिलीगुड़ी से 114 किलोमीटर दूर और दूसरा न्यू जलपाईगुड़ी में राजधानी से लगभग 125 किलोमीटर दूर है। सड़क मार्ग से भी गंगटोक पंहुचा जा सकता है।