पूजा पपनेजा।
कुछ कहानियाँ ऐसी होती है जो हमारे दिल को छू जाने के साथ हमें कुछ नया दें जाती है। वैसे आज हम आपसे जिस कहानी के बारे मे चर्चा करने वाले है वह कहानी कुछ ख़ास है और यह कहानी आरती वर्मा की है । जिनसे मेरी मुलाकात शादीपुर मे हुई थी तो जब मैंने उनकी कहानी को सुना तो मुझे लगा कि आपसे मुझे इस कहानी के बारे मे चर्चा करनी चाहिए।
एक मज़बूत महिला की कहानी।
यह कहानी एक ऐसी महिला की है जिसका नाम आरती वर्मा है। वह दिल्ली के रघुबीर नगर की रहने वाली है और उसकी उम्र 35 वर्ष है और वह अपने घर मे कपड़े सिलने का काम करती है। वैसे आपको बता दें कि आरती ने बहुत छोटी उम्र मे ही अपनी 18 वर्षीय बेटी को और अपने पति को खो दिया था। जिस कारण वह बहुत ज्यादा परेशान हो गई थी। फिर उसके बाद उसने अपनी ज़िन्दगी को एक नई दिशा दी । जिसमे उसने उन गरीब लोगो की मदद करनी शुरू की जो असमर्थ थे। क्योकि वैसे भी आरती का मानना है कि हमें किसी के दुःख का हिस्सा बनना चाहिए।
खैर कहानी मे सबसे बड़ी बात यह है कि उसने अपनी बेटी खो दी थी फिर भी उसने खुद को मानसिक अवसाद मे नहीं जाने दिया था। और आज के समय मे हम छोटी छोटी बातो से परेशान हो जाते है जिस वजह से हम हर मुश्किल का डटकर सामना नहीं करते है। लेकिन आरती की कहानी मे आरती ने डटकर अपनी हर समस्या का सामना किया है और इसी तरह से हर किसी व्यक्ति को हिम्मत से अपने लिए लड़ना आना चाहिए।