कैंसर से जिंदगी की जंग लड़ रही है वो मासूम बच्ची —

पूजा पपनेजा।

एम्स हॉस्पिटल,मे जहां लोग दूर-दूर से कई गंभीर बीमारियों का इलाज कराने आते हैं, वहीं तो कैंसर के इलाज के लिये भी मरीज बड़ी सख्या मे यहां का रूख करते हैं। इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित बच्चों के माता पिता को ये उम्मीद होती है, कि शायद यहां की निगरानी में उनका बच्चा बच जाए। शायद इसीलिए कि इस बुरी परिस्थिति में डॉक्टर भी अपने मरीजों का इलाज़ बहुत- अच्छे ढंग से करते हैं हम सब जानते है कि कैंसर की खराब स्थिति में पीड़ित व्यक्ति का बच पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह ऐसा वक्त होता है, जब रिश्तेदार हर हाल में अपनों को बचाना चाहते हैं, और इलाज के लिये अस्पतालों के चक्कर काटते हैं। एम्स देश का ऐसा हॉस्पिटल है, जहां ऐसे मामले बहुत देखने के लिये मिलते हैं।खैर वैसे हम आपसे एम्स हॉस्पिटल से जुड़ी बहुत सारी कहानियो पर चर्चा कर चुके है। लेकिन ये कहानी कुछ ख़ास है क्योकि ये कहानी एक 13 साल की बच्ची की है जिससे लास्ट स्टेज ब्लड कैंसर है आपको बता दें कि ये लोग ग्वालियर के रहने वाले है उस बच्ची के पिता नहीं है और उसकी माँ उसके इस बुरे वक्त मे उसका पूरा साथ दें रही है या ये कहे कि एक तरह से माता – पिता दोनों की भूमिका निभा रही है खैर अगर हम कहानी को समझने की कोशिश करे तो हम ये अंदाज़ा भी नहीं लगा सकते कि उस समय उसकी माँ पर क्या बीती होगी। जब उससे ये पता लगा होगा कि उसकी बेटी को ब्लड कैंसर है क्योकि वही बच्ची उस एकमात्र माँ का सहारा भी है और अपने पति के जाने के बाद वह अपनी बच्ची को देखकर ज़िन्दगी काट रही है लेकिन अभी उस बच्ची का इलाज दिल्ली एम्स हॉस्पिटल मे चल रहा है और डॉक्टर्स ने उन्हें एसडीपी चढ़वाने के लिए कहा है क्योकि बच्ची की हालत अभी नाज़ुक बताई जा रही है।
उसकी माँ भी दिन रात ये कोशिश कर रही है कि उनकी बेटी बच जाए खैर आपको बता दें कि इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि इंसान को हमेशा हर काम धैर्य से करना चाहिए अपनी ज़िन्दगी मे खुद को इतना मजबूत बना लेना चाहिए कि जहाँ पर भी आप कमजोर पड़े वहां आप खुद ही हर समस्या को हल कर सकें। क्योकि उसकी माँ जितनी हिम्मत से अपनी बेटी के लिए इस बुरी परस्थिति मे उसके साथ खड़ी है और अपनी बच्ची को माता – पिता दोनों का प्यार दें रही है वैसे ही हर माँ को अपने बच्चे के लिए इसी तरह साथ खड़े रखना चाहिए ताकि बच्चा भी अपने माँ बाप पर आसानी से विश्वास कर सके।