आज आएंगे साजन उनसे प्यार करूँगी खुश हूँ कितनी मै सोलह- ऋृंगार करूँगी

आज आएंगे साजन उनसे प्यार करूँगी

खुश हूँ कितनी मै सोलह- ऋंगार करूँगी

होगी उनसे मुलाकात दिल बेकरार है

अब तो शाम सुहानी का बस इंतजार है

मन ही मन उनकी पूजा सौ बार करूँगी

खुश हूँ कितनी मै सोलह-ऋृंगार करूँगी

कदमों की आहट सुन करके दिल धड़केगा

घबड़ाहट में सीने से आँचल सरकेगा

लज्जा से मुख को घँघट की आड़ करूँगी

खुश हूँ कितनी मै सोलह-ऋंगार करूँगी

आते ही वो मेरी घूँघट को खोलेंगे

खोलो अपनी आँखें धीरे से बोलेंगे

तब जी भरके मैं उनका दीदार करूँगी

खुश हूँ कितनी मै सोलह-ऋंगार करूँगी

वो भी डालेंगे आँखें मेरी आँखों में

जकड़ेंगे तब वो मुझको अपनी बाहों में

अर्पण उनको तन-मन का संसार करूँगी

खुश हूँ कितनी मै सोलह-ऋृृगार करूँगी

उपरोक्त रूमानी गीत स्वर्गीय बी. एन. झा की लिखित गीत-कविताओं के संग्रह इन्द्रधनुष से ली गई है।