कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसके नाम के साथ ही अधिकांश लोग अपने जीवन का समापन समझते हैं, मगर ऐसा समझना सही नहीं है। इस बीमारी से जूझने वाले कई सर्वाईवर्स ने अपने हौसलों से इस पर विजय पायी और लोगों को अपने साहसिक सफर के बारे में बताकर प्रेरित कर रहे हैं।
इसी संदर्भ में दिल्ली के धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल ने कैंसर रोगियों और कैंसर से बचे लोगों के लिए “रूबरू” कार्यक्रम का आयोजन किया।
यह कार्यक्रम कैंसर पर विजय प्राप्त कर चुके लोगों की उपलब्धि के साथ, कैंसर रोगियों में आशा की एक नई किरण को जागने के उद्देश्य से किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खो-खो चैंपियन, नसरीन शेख, और विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ ब्लॉसम कोचर सहित कई सम्मानित लोग शामिल हुए।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण “मन की बात” सत्र था, जहाँ कैंसर की जंग जीत चुके लोगों ने अपनी कठिन यात्रा और चुनौतियों के बारे में बताते हुए उनके लिये आशा की किरण बने जो अभी भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
इसके बाद हंसी योग सत्र, संगीत और मनोरंजन के साथ रैंप शो और कैंसर पर विजय प्राप्त कर चुके बहादुर योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि और खो-खो चैंपियन, नसरीन शेख ने मुश्किलों पर काबू पाने की अपनी प्रेरक कहानी साझा की और लोगों को अपनी ताकत पहचाने के लिए प्रोत्साहित किया।
वहीं मुख्य अतिथि और प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ, ब्लॉसम कोचर, ने कैंसर रोगियों के समग्र देखभाल, इलाज के महत्व और उपचार प्रक्रिया में मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका के महत्व पर जोर दिया।
कार्यक्रम में कैंसर योद्धाओं द्वारा साझा की गई प्रेरक कहानियों और अनुभवों को प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और संघर्ष से वहां उपस्थित लोगों को प्रेरित किया।
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की डायरेक्टर और क्लिनिकल लीड, डॉ. कनिका सूद शर्मा ने कैंसर के बारे में जागरूक किया।
इसी कार्यक्रम में पारिसा कम्युनिकेशंस की निदेशक तबस्सुम हक भी मौजूद थीं, जो वैश्विक स्तर पर डैज़ल इवेंट आयोजित करती रही हैं। उनके साथ उनकी 20 से अधिक डैज़ल डीवाज़ (Dazzle Divas) भी थीं, जिन्होंने इस अवसर पर एक शानदार माहौल बनाया।
इस विशेष अवसर पर धर्मशिला नारायणा, हॉस्पिटल के सीओओ, नवीन शर्मा ने कैंसर रोगियों की देखभाल और उनकी सहायता के लिये अस्पताल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने कैंसर के प्रति जागरूकता की बात भी की, जो इस बीमारी के बढ़ते प्रसार को कम करने में सहायक साबित हो सकता है।
वास्तव में “रूबरू” कार्यक्रम, कैंसर से बचे लोगों की हिम्मत और उनके संघर्ष की चर्चा के साथ, संघर्षशील कैंसर रोगियों की देखभाल के महत्व पर जोर देने के लिए एक पावरफुल मंच के रूप में कार्य करता है।