सुकांति साहू, चाईबासा।
मेरा नोमिनेशन क्यों रद्द हुआ, इस सवाल और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन के नारे के साथ चाईबासा जिला परिषद सदस्य एवं चाईबासा विधानसभा 52 के लिये प्रत्याशी जॉन मिरान मुंडा ने चाईबासा के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने सांकेतिक धरना दिया। निचली अदालत में सुनाई गई दो साल की सजा को लेकर जॉन मिरान मुंडा के नामांकन को रद्द कर दिया गया।
इस बारे में जॉन मिरान मुंडा ने कहा कि निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय झारखंड राज्य को अपील किया, जिसके बाद 3 मई 2024 को उस केस से चेतावनी देते हुए बरी किया गया। इस आधार पर उड़ीसा के क्योंझर जिला से उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्हें 32 हजार वोट मिले।
इसके बाद जब झारखंड विधानसभा 2024 में हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार उन्होंने नोमिनेशन फाइल किया तो उस नोमिनेशन को दो साल की सजा का हवाला देकर रद्द किया गया। इस बात पर जॉन मिरान मुंडा ने कहा कि एक आदेश का दो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग मान्यता दी जा रही है जो एक देश एक कानून के विरूद्ध है। हमने हमेशा मजदूरों के हित में अपनी आवाज उठाई है।
उन्होंने कहा कि बात यह है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला देश के सबसे अधिक खनिज संपदा से भरा क्षेत्र है, जहां टाटा, रूंगटा जैसे बड़े पूंजीपति खदान चला रहे हैं। मगर यह जिला आज भी पिछड़ा है। भूख और गरीबी बड़ी चिंता का विषय है।
आदिवासियों के पास रोजगार नहीं है। उनका शोषण हो रहा है। उनके हक के लिये पिछले 22 वर्षों से अपनी आवाज उठा रहा हूं इसलिये मुझे चुनाव लड़ने नहीं दिया जा रहा है, और मेरा नोमिनेशन रद्द किया गया है। गौरतलब है झारखंड में 13 और 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, और इसके परिणाम 23 नवंबर को आएंगे।
जॉन मिरान मुंडा ने कहा है कि अगर उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया गया तो वह हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देंगे। देखने वाली बात होगी कि इस मामले में जॉन मिरान मुंडा को कितनी राहत मिलती है, और क्या वह इस विधानसभा चुनाव में भाग ले पाएंगे, क्योंकि चुनाव की तारीख पास है और उन्हें अपने हक में फैसले का इंतजार है।