मीमांसा डेस्क।
सितंबर महीना का आखिरी पड़ाव चल रहा है, और कभी गर्मी तो कभी मौसम बदलने का अहसास होना भी शुरू हो गया है। मौसम में बदलाव का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर भी होने लगा है। इस समय लोग Viral एवं Dengue Fever से परेशान हो रहे हैं। बुखार होने पर लोग यह तय नहीं कर पा रहे है कि उन्हें डेंगू है या वारयल बुखार।
शुरूआत में दोनों बुखार एक जैसे होते हैं। एक आम व्यक्ति के लिये इसमें फर्क करना मुश्किल होता है। वायरल बुखार ठीक होने में आमतौर पर 3 से 5 दिन लगता है, जबकि डेंगू से ठीक होने में एक सप्ताह का समय लगता है। बुखार लगने पर पारासीटामोल का प्रयोग करना सही होता है। बहुत जरूरत होने पर ही एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने की आवश्यकता होती है, अन्यथा नहीं।
डेंगू बुखार का पता टेस्ट के बाद ही चलता है। डेंगू में सबसे अधिक प्लेटलेट्स का ध्यान रखना होता है। इसमें डिहाइड्रेशन बिल्कुल भी नहीं होना चाहिये।
मरीज को पानी, जूस आदि देते रहना चाहिये। अगर ब्लीडिंग नहीं हो तो 50 हजार प्लेटलेट्स में भी घबड़ाने की जरूरत नहीं है, मगर ब्लीडिंग होने पर प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ जाती है।
बुखार के बाद कमजोरी दूर करने के लिये पौष्टिक और संतुलित भोजन करें।
सबसे जरूरी है कि आप अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास करें जिससे इन मौसमी एवं अन्य बीमारियों से लड़ने में आपका शरीर सक्षम हो।
नोट- उपर्युक्त जानकारी विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील कुमार की सलाह से दी गई है, लेकिन अगर आप किसी बुखार से पीड़ित हैं, तो अपने नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लेकर इलाज करें।