निश्चय करिये योग

निश्चय करिये योग

प्रेम देह से है अगर, निश्चय करिये योग।

कंचन काया आपकी, सर्वोत्तम निरोग।।

सिखलाते गुरू योग तो, साथ करें प्रारंभ।

समारंभ सह स्वास्थ्य में, करें न कोई दंभ।।

नीराजन के योग से, अंतछकरण उजास।

षटविकार के नाश से, आएं प्रभु के पास।।

जड़ चेतन के योग से, बनता है संसार।

यह जग तो आसार हैं, करिये प्रभु से प्यार।।

जीवन यह अनमोल है, कीजै प्रभु से प्रीत,

ध्यान योग अभ्यास से, लीजै मन को जीत।।

मनु रमण चेतना

पूर्णियां, बिहार