अल्पायु में सफलता के शिखर पर पहुंची थी दिव्या भारती

चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड।

दिव्या भारती का जन्म महाराष्ट्र स्थित मुम्बई में 25 फरवरी 1974 को ओम प्रकाश भारती के घर हुआ। माँ मीता भारती की मार्गदर्शन में दिव्या की प्रारंभिक शिक्षा मानेकेजी कॉपर हाई स्कूल से हुई।

महज उन्नीस वर्ष में सारी दुनिया आपके कदमों में सिमटी पड़ी हो ऐसा नसीब हर किसी का नहीं होता, दिव्या इस अल्पायु में सफलता और स्टारपद के शिखर पर पहुंच चुकी थी। ये अपनी समय की सबसे युवा अभिनेत्री थी। इन्होंने कम उम्र में बेहद नाम कमाया था क्योंकि अभिनय के अतिरिक्त इनमें एक प्रभावशाली व्यक्तित्व की छवि नजर आती थी। इन्होंने अपनी अभिनय की शुरुआत 1990 की तेलुगु फिल्म ‘बोब्बिली राजा’ से की परंतु इन्हें सफलता 1992 की हिन्दी फिल्म ‘विश्वात्मा’ से मिली। इस फिल्म का गाना ‘सात समुन्दर पार…’ से इन्हें अलग पहचान मिली फिर 1992 की फिल्म ‘दीवाना’ के लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री के फिल्म फेयर अवार्ड से विभूषित किया गया। ये संगीत की शौकिन थी, इनका मनपसंद गीत दीवाना का गाना’ऐसी दिवानगी…’ ये बार-बार गुनगुनाया करती थी।

ये कुछ ही समय में हर तरफ छा गई। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी की सफलता इनके कदम चूम रही थी और ये हमेशा के लिए यादों में बस कर रह गई क्योंकि 5 अप्रैल 1993 को अपने घर की 5 फ्लोर बालकनी से गिरकर इनकी मौत हो गई। एक बेहद प्रतिभावान और खूबसूरत अदाकारा इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए चली गई हालांकि यह मौत आत्महत्या थी या दुर्घटना यह अब तक रहस्य है।

दिव्या भारती की जयंती पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 820वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।

व्यक्तित्व कॉलम में आपको इस बार किस व्यक्तित्व के बारे में जानना है, अपने विचार अवश्य व्यक्त करें हमारे द्वारा उस व्यक्तित्व के बारे में जानकारी देने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा। धन्यवाद।

 

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