झारखंड में आदिवासी समुदाय की नई पीढ़ी को हुनरमंद और तकनीक विशेषज्ञ बनाने पर जोर।

दुनिया नये परिवर्तन के साथ आगे बढ़ रही है, इसका जनजातीय समाज पर कितना प्रभाव पड़ा है, यह मूल्यांकन जरूरी है। यह बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संताल इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के 30 वें दीक्षांत समारोह- सह -वार्षिक आमसभा में “सोशल री – इंजीनियरिंग थ्रू रूरल एंटरप्रेन्योरशिप” पर आयोजित ऑनलाइन नेशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समाज की सदियों से चली आ रही परंपरा, भाषा, संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने के साथ विकास के पथ पर आगे ले जाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों में व्याप्त गरीबी और बेरोजगारी को दूर करने के साथ उनके शिक्षा एवं स्वास्थ्य तथा अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं चलाई जा रही है।

 देश का पहला ट्राइबल यूनिवर्सिटी झारखंड में

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी खोलने की भी योजना है । उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में केजी से लेकर पीजी तक जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई सुनिश्चित की जा रही है । विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जनजातीय विद्यार्थियों को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है । वहीं स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत सब्सिडी आधारित 25 लाख रुपए दिए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज तेजी से हो रहे शहरीकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाए जा रहे हैं, लेकिन झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य में स्मार्ट विलेज बनाने की जरूरत है। न्होंने कहा कि रूरल एंटरप्रेन्योरशिप के लिए भी सरकार कई योजनाएं बनाई है। पशुधन विकास योजना और फूलो झानो आशीर्वाद योजना के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा रही है।