मीमांसा डेस्क।
थल सेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी में सैन्य छात्रों के पासिंग आउट के निरिक्षण के अवसर कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी में कठोर प्रशिक्षण का उद्येश्य हथियार चालन में नेतृत्व के लिये जरूरी बौद्धिक, नैतिक और शारीरिक गुणों का सर्वाधिक विकास करना है। इसके साथ ही यहां दिया गया प्रशिक्षण भारतीय सेना में नेतृत्व के लिये आवश्यक चरित्र, समझ और देशभक्ति को विकसित करता है। इसके लिये सेना प्रमुख ने भारतीय सैन्य अकादमी के प्रशिक्षकों एवं कर्मचारियों की भी सराहना की।
सेना प्रमुख ने कहा कि हर व्यवसाय में सैनिकों का पेशा सबसे उत्तम है। यह ऐसा कैरियर है जो कर्तव्यनिष्ठा से भी अधिक बलिदान मांगता है। इस मौके पर उपस्थित कैडेट्स के अभिभावकों को शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि जो युवा आज भारतीय सेना की सुदृढ मूल्य प्रणाली के संरक्षक बनने के लिये तैयार हैं, वह आपके निरंतर समर्थन और योगदान के बिना संभव नहीं था। सेना प्रमुख ने मैत्री देशों के 42 जेंटलमेन कैडेट्स को अकादमी से प्रशिक्षण पूरा करने के लिये शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी ने आपको प्रशिक्षण दिया है, जो आपके पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन का आधार बनेगा और निश्चित तौर पर हमारे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत करेगा।
गौरतलब है कि भारतीय सैन्य अकादमी(आईएमए) से 374 कैडेट्स उत्तीर्ण हुए, जिनमें नियमित पाठ्यक्रम के 152, तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम के 135 एवं 7 मित्र देशों के 42 छात्रों ने परीक्षा पास किया है। इस अवसर पर कैडेट्स के अभिभावकों और परिवार के सदस्यों ने भी भाग लिया।