आदित्य चोपड़ा को बचपन से है फिल्मों में रुचि

     चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
भारतीय फिल्मों के निर्माता, निर्देशक और लेखक आदित्य चोपड़ा का जन्म  21 मई 1971 को मुंबई में हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा के घर हुआ।  माँ पामेला चोपड़ा भी फिल्म निर्माता हैं। आदित्य की प्रारंभिक शिक्षा बाॅम्बे स्कॉटिश स्कूल में हुई फिर इन्होंने अपना ग्रेजुएशन रिझुमल कॉलेज ऑफ कॉमर्स से संपन्न की।
विरासत में मिली परंपरा से आदित्य बचपन से ही हिंदी फिल्म निर्देशन में रुचि लेने लगे थे । इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत 18 साल की उम्र में बतौर सहायक निर्देशक में किया और पिता यश चोपड़ा के कई हिट फिल्मों में कार्य किया।  इनमें 1989 की ‘चांदनी’, 1991 की ‘लम्हे’ और 1993 में बनी फिल्म ‘डर’ शामिल हैं।
1993 में आई ‘परंपरा’ के लिए इन्होंने अपनी पहली पटकथा लिखी फिर इन्होंने यश राज फ़िल्म्स के बैनर तले 1995 में आई फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में निर्देशक के रूप में शुरुआत की । यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह फिल्म भारतीय फिल्म इतिहास में सबसे बड़ी हिट फिल्मों में एक बन गई और सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से विभूषित हुई। इनकी पटकथा वाली फिल्में 1997 की ‘दिल तो पागल है’ और 2004 की ‘वीर-ज़ारा’ के बाद देश के 2007 में राष्ट्रीय खेल हॉकी को समर्पित फिल्म ‘चक दे इंडिया’ को राष्ट्रीय पुरस्कार से विभूषित किया गया।
आदित्य चोपड़ा के जन्म दिवस पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 779वीं कड़ी में मंच के सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
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