चिन्मय दत्ता, चाईबासा, झारखंड
फिल्मों के स्टंट कोरियोग्राफर सह एक्शन फिल्म निर्देशक वीरू देवगन के घर 2 अप्रैल 1969 को एक बच्चे का जन्म हुआ। माँ वीणा देवगन जो एक फिल्म निर्माता थी, बच्चे का नाम विशाल रखा।
इसी बच्चे ने बड़े होकर 1991 में अजय देवगन के नाम से फिल्मों में पदार्पण किया और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इनकी पहली फिल्म ‘फूल और कांटे’ सुपर हिट ही नहीं रही बल्कि ब्लॉकबस्टर रही। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में धमाल मचा दिया था और इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस फिल्म में दो मोटरसाइकिल पर पैर रखकर इनके द्वारा किया गया स्टंट अब भी चर्चा का विषय है।
महाराष्ट्र स्थित महाबलेश्वर में 1995 की फिल्म ‘गुंडाराज’ के सेट पर काजोल से इनकी पहली मुलाकात हुई और दर्शकों ने इनके जोड़ी को पहली बार इसी वर्ष प्रदर्शित ‘हलचल’ में देखा। इसी वर्ष प्रदर्शित फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ में काजोल बड़ी स्टार बन गई और ये दोनों 24 फरवरी 1999 को विवाह के बंधन में बंध गए।
अजय ने 1999 में फिल्म ‘जख्म’ और 2002 में ‘द लेजेंड ऑफ भगत सिंह’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया और भारत सरकार ने 2016 में इन्हें पद्मश्री से विभूषित किया। यहां ये कहना प्रासंगिक होगा कि अजय घर से निकलते समय अपने माता-पिता का चरण स्पर्श करना कभी नहीं भूलते।
2000 में इन्होंने अपना प्रोडक्शन हाउस ‘अजय देवगन फिल्म्स प्रोडक्शन’ की शुरुआत की थी जिसके तहत इनकी पहली फिल्म ‘राजू चाचा’ आई। ये उन अभिनेताओं में से एक हैं जिनके पास यातायात के लिए खुद का निजी जेट है।
अजय देवगन के जन्म दिवस पर पाठक मंच के कार्यक्रम इन्द्रधनुष की 772वीं कड़ी में मंच की सचिव शिवानी दत्ता की अध्यक्षता में यह जानकारी दी गई।
व्यक्तित्व कॉलम में आपको इस बार किस व्यक्तित्व के बारे में जानना है, अपने विचार अवश्य व्यक्त करें। हमारे द्वारा उस व्यक्तित्व के बारे में जानकारी देने का पूर्ण प्रयास किया जाएगा। धन्यवाद।