हंसी के आगे हम ———– अपने दर्द को छुपाते हैं

 

 

 

 

हंसी के आगे हम अपने दर्द को छुपाते हैं।
अपने दर्द को हम अपना बनाते हैं।

दिल में तो हैं बहुत कुछ कहने के लियें
लेकिन हम अपना गम सबसे छुपाते हैं।

कभी हमसे किसी ने कहा था कि
हम तेरा साथ न छोड़ेगे।

लेकिन आज हम खुद का साया
देखते ही मुस्कुराते है ,

आज तेरे न होने पर हम खुद को ही हर जगह
अकेला पाते हैं।

कहने को तो हम तेरा कही न कही जिक्र कर जाते हैं।

कही  न कही तेरी तस्वीर को देखते ही हम मुस्कुरा जाते हैं।

तुम नहीं तो क्या हुआ तुम्हारी यादों को

याद करके ही हम चुप हो जाते हैं।

यूँ ही लफ्जों में हम अपनी बातें

तुमसें कह जाते हैं।

उपयुक्त पक्तियां प्रकाश गुप्ता द्वारा लिखी गई हैं।