विटामिन की कमी से पीड़ित हैं दिल्लीवासी


मीमांसा डेस्क।

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया से जुड़े हेल्थकेयर सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली में 10 में से 8 व्यक्ति विटामिन डी की कमी से पीड़ित हैं। इस कमी की वजह से दिल्लीवासी मांसपेशियों में पुराने दर्द , ऐंठन , कम ऊर्जा स्तर एवं अवसाद की पीड़ा झेल रहे हैं।

हालांकि इससे भी गंभीर चिंता यह है कि बड़ी मात्रा में जनसंख्या विटामिन डी की कमी और उसके परिणामों के बारे में जानती तक नहीं है। अधिकांश दिल्लीवासी विटामिन की अपर्याप्त मात्रा से ग्रस्त हैं। लगभग 85 प्रतिशत विटामिन की कमी की वजह उनमें है , जो सूर्य की रोशनी से दूर रहते हैं , या फिर लंबे समय तक वातानुकूलित [एसी] कमरे में रहते हैं। दिल्ली में 10 लोग 8 में विटामिन डी की कमी से ग्रस्त हैं। विटामिन डी की कमी मांसपेशियों में दीर्घकालिक दर्द, ऐठन, कम ऊर्जा स्तर , अवसाद का कारण बनता है।
गौरतलब है कि विटामिन डी की कमी से बच्चों में हड्डियों को नरम करने वाली बीमारियां हो सकती हैं और वयस्कों में ऑस्टियोमैलेशिया और ऑस्टियोपोरोसिस हो सकते हैं।

एसोचैम हैल्थकेयर काउंसिल के सह – अध्यक्ष डॉक्टर एच के चोपड़ा के अनुसार

  •  विटामिन डी की पूरकता या कुछ जीवनशैली में परिवर्तन से विटामिन डी की कमी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। 
  • डॉक्टर चोपड़ा ने कहा कि दिन के दौरान लंबे समय तक एयर कंडीशन कमरे में रहना और सूर्य की रोशनी प्राप्त नहीं करने से विटामिन डी की कमी हो सकती है।
  • भारत में विटामिन डी की कमी से पीड़ित रोगियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें पुरुष , महिला और बच्चे समान रूप से प्रभावित हुए हैं।
  • विटामिन डी भी कुछ खाद्य में पाया जाता है जिन्हें लोगों के दैनिक आहार में शामिल करने की आवश्यकता होती है।
    मछली , मांस लीवर एवं अंडे की जरदी में उच्च स्तर पर विटामिन डी पाया जाता है।
  • इसी तरह शाकाहारी लोग बादाम दूध , सोया दूध , संतरे का रस , अनाज और मशरूम का खाने में प्रयोग कर सकते हैं।
  • विटामिन डी के कम स्तर हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हैं , जिससे हड्डियाँ पतली , भुरभुरी , नरम या विकृत हो सकती हैं।