ये ठहरे – ठहरे पल ,
ये जीवन – बिन हलचल।
जाने क्या होगा कल ,
दिल सोचे ये हर पल।
कोई रूठा है , दिल टूटा है ,
सांसो का दामन छूटा है।
मेरा चैन गया , मेरी जान गई ,
किसने हर बंधन लूटा है।
मन सागर सूना है क्यों ,
नहीं कहीं कोई हलचल।
जाने क्या होगा कल ,
दिल कहता तू लौट के आ,
मेरा जुर्म हैं क्या मुझे आ के बता ,
मुझे मौत भले ही दे जा तू,
ना दूर तू जा , ना दें ये सजा।
तुझ बिन जीने से मौत भली ,
उपयुक्त पंक्तियां अमित तिवारी द्वारा लिखी गई है।