उपराष्ट्रपति चुनाव-अंतिम क्षणों तक क्रॉस वोटिंग को लेकर बना रहा संशय

डॉ.समरेंद्र पाठक,

वरिष्ठ पत्रकार।

नयी दिल्ली,10 सितंबर 2025।

देश के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव कल सम्पन्न हो गया। राजनीति के तजुर्बेकार एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी सी.पी. राधाकृष्णन ने 452 वोट लेकर अपने प्रतिद्वंदी इंडिया गठबंधन के सुदर्शन रेड्डी को पराजित कर दिया।

मतदान स्थल “संसद भवन” में वोटिंग से लेकर परिणाम आने से पहले तक चर्चा ये थी  कि बड़े पैमाने पर सांसदों ने क्रास वोटिंग की है। स्वभाविक है कि इसे सत्ता विरोधी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन परिणाम आते ही सभी को चौंका दिया। सी.पी. राधाकृष्णन को राजग के वोट से 25 अधिक मत मिले।

निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी के अनुसार कुल 767 सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट दिया, इनमें से 752 वैलिड थे और बाकी 15 इनवैलिड करार दिए गए। राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले। निर्वाचक मंडल के कुल 781 सदस्यों में से 767 (एक डाक मतपत्र समेत) ने मतदान किया था।

इस चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त हैं) एवं 12 मनोनीत सदस्य तथा लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल थे। निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं।

खास बात ये थी, कि बीजू जनता दल (बीजद),भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पहले ही चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था।

परिणाम आने के बाद राजग के कुछ नेताओं ने कहा कि झारखंड और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों से विपक्षी सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। दोनों राज्यों में उनके पक्ष में कुछ भावनाएं थीं,क्योंकि सी.पी. राधाकृष्णन दोनों राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं।

वहीं कुछ विपक्षी नेता आम आदमी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) को जिम्मेदार बता रहे थे, लेकिन दोनों दलों ने आरोपों से इनकार किया है।

बहरहाल अपनी जीत के लिए सी.पी. राधाकृष्णन ने सभी सांसदों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि हम सभी को मिल जुलकर 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करना चाहिए।

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