अधरों का चुंबन मिल जाए
मुझको नवजीवन मिल जाए।
अंतर्मन के इन भावों को
तेरा अभिनंदन मिल जाए।
मिल जाए तुझसे मिलने का
पलभर का किस्सा जीवन में
भावों का सागर सिमटेगा
पलभर तेरे आलिंगन में।
आलिंगन में भरकर तुझको
फिर जीवन तट छूटे तो क्या।
सांसो में जब तू बस जाए
फिर सांसो की लट टूटे तो क्या।
तो क्या गर टूटे स्वप्न सभी
जीवन के मरू सागर में
इक प्रेम सुधा की बूँद भली
स्व्पनों के छोटे गागर में।
गागर ये तेरे स्व्पनों का
उस क्षीर सिंधु सा पावन है।
वो पल जो तुझमें बीता है।
मनभावन है मन में तेरा
आना , जाना , जगना , सोना।
जीवन का सारा सत्य यही
तेरा होना , मेरा होना।
उपयुक्त पक्तियां अमित तिवारी द्वारा लिखी गई है।