फर्नीचर डिजाइनिंग से अपने करियर में लगाएं चार चांद

मीमांसा डेस्क।

आमतौर पर घरों में फर्नीचर को डिजाइन करने का काम बढ़ई को दिया जाता है, लेकिन अगर बड़े रेस्टोरेंट, होटल्स या ऑफिस की बात हो , तो वहां पर फर्नीचर डिजाइनिंग को भी उतना ही महत्व दिया जाता है, जितना इंटीरियर डिजाइनिंग या अन्य चीजों को और यही कारण है कि आज के दौर में फर्नीचर डिजाइनिंग एक अलग क्षेत्र बनकर उभरा है। अगर आप चाहें तो इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं ।

क्या होता है काम
एक फर्नीचर डिजाइनर का काम सिर्फ फर्नीचर को डिजाइन करने तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि उसे अपनी  कल्पनाशीलता का प्रयोग करके वह क्लाइंट की जरूरत को समझकर फर्नीचर तैयार करके देना होता है। मसलन, कुछ लोग लकड़ी तो कुछ लोग फर्नीचर में शीशे आदि का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं । वहीं कुछ जगहों पर थीम बेस्ड फर्नीचर की डिमांड की जाती हैं। इसलिए एक फर्नीचर डिजाइनर का काम प्लानिंग से लेकर
उसके एग्जीक्यूशन, ऑर्गेनाइजेशन व सुपरवाइजिंग तक होता है । सबसे पहले वह फर्नीचर को डिज़ाइन करने की प्लानिंग करता है, जिसमें बजट से लेकर फर्नीचर डिजाइन व क़्वालिटी तक का ध्यान रखा जाता है और फिर वह उसका एग्जीक्यूशन
करता है, जिसमें वह अन्य लोगों को नेतृत्व करते हुए बेहतरीन फर्नीचर तैयार करवाता है।

कौशल
एक फर्नीचर डिजाइनर का काम काफी विस्तृत होता है। एक फर्नीचर डिजाइनर को अपने काम व उसमें इस्तेमाल होने वाली पदार्थो की जानकारी तो होनी चाहिए, ही  साथ ही उसका रचनात्मकता वह आर्टिस्टिक सेंस का होना बेहद जरूरी है ।  इसके अतिरिक्त एक फर्नीचर डिजाइनर को अपने काम के दौरान कई लोगों से संपर्क करना पड़ता है, इसलिए उसकी नेतृत्व क्षमता व कम्युनिकेशन स्किल्स बेहतर होनी चाहिए। अमूमन , फर्नीचर का डिजाइन पहले कंप्यूटर पर ही बनाया जाता है और क्लाइंट से अप्रूवल लिया जाता है इसलिए उसे कंप्यूटर का इस्तेमाल करना भी आना चाहिए। एक फर्नीचर डिजाइनर एक बेजान लकड़ी या धातु को एक आकर्षक रूप देता है , इसलिए उसमें वह सब गुण होने चाहिए जो एक आम- सी लकड़ी को खास बना सके।  इन सबके अतिरिक्त एक फर्नीचर डिजाइनर में मार्केटिंग स्किल्स व बिजनेस की भी अच्छी समझ होनी आवश्यक है। साथ ही उसका मार्केट में चल रहे नए ट्रेंड से अवगत होना भी जरूरी है।

पाठ्यक्रम

इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए छात्रों का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है। जहां कुछ संस्थान दसवीं पास छात्रों को फर्नीचर डिजाइनिंग कोर्स में दाखिला दे देते हैं, वहीं कुछ संस्थानों में मिनिमम क्वालिफिकेशन 12वीं है। फर्नीचर डिजाइन बनने के लिए छात्र फर्नीचर डिजाइनिंग का डिप्लोमा सर्टिफिकेट या बैचलर डिग्री कोर्स कर सकते हैं।
संभावनाएं

चूकि आजकल फर्नीचर को भी काफी तवज्जो मिलने लगी है, इसलिए छात्रों के पास अवसरों की कमी नहीं है । फर्नीचर डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद छात्र किसी डिजाइनर के साथ काम कर सकते हैं या फिर किसी फर्नीचर डिजाइनिंग कंपनी में जॉब कर सकते हैं। वही थोड़े अनुभव के बाद आप खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं और विभिन्न ऑफिस, कॉरपोरेट कंपनियों , होटल या रेस्टोरेंट आदि के लिए फर्नीचर डिजाइन कर सकते हैं।

आमदनी
अगर इस क्षेत्र में आने की बात की जाए तो शुरुआती दौर में व्यक्ति 10 हज़ार से 15 हज़ार प्रतिमाह आसानी से कमा सकता है ।वहीं थोड़े अनुभव के बाद आमदनी भी बढ़ती है। इसके अतिरिक्त अगर आप खुद का व्यवसाय शुरू करते हैं तो आमदनी आपको मिलने वाले ऑर्डस पर निर्भर करेगी ।