सूरज की पहली किरण जब धरा पर
पड़ती है मिट जाता है है निशा का अंधकार
हो जाता है प्रकाश का विस्तार
सभी प्राणियों में नई ऊर्जा
नई स्फूर्ति का होता है नवसंचार
उत्पन्न होती है नित नई आस
जीवन के प्रति दृढ होता है
एक नया विश्वास
सच में सूरज की पहली किरण
कितना कुछ बदल देती हैं
हमारे जीवन के भी
तिमिर को भी हर लेती है
अतीत में हुई गलतियों से
हम सबक सीखते हैं
उस पर करते हैं चिंतन – मनन
फिर सफल होकर जीतते हैं
हम में हो जाता है कितना उत्साह
और ख़ुशी से हम जीवन जीते हैं
सूरज की पहली किरण की तरह
दूजों के जीवन में भी
हम प्रकाश भर सकते हैं —
जिस तरह सूरज जाड़ा , गर्मी व वर्षो में
वर्ष के हर महीने में , हर दिन
बिना रुके सतत धरा पर
नित दिन प्रकाश फैलाता है
उसी तरह हमें भी जीवन में
सुख – दुःख में सम रहते हुए
जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए
जितना हो सके उतना दूजों को
हमें आगे बढ़ाने के लिए
सहयोग , समर्थन व संबल देते रहना चाहिए —–
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